विपक्ष ने राष्ट्रपति पद के लिए लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. इस तरह राष्ट्रपति चुनाव में उनका मुकाबला NDA के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद से होगा.
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बता दें कि मीरा कुमार को देश की पहली महिला लोकसभा स्पीकर बनने का गौरव हासिल है. मीरा बिहार के सासाराम से लोकसभा सांसद रही हैं. दिल्ली के मिरांडा हाउस से ग्रेजुएशन करने वाली मीरा भारतीय विदेश सेवा के लिए भी काम कर चुकी हैं.
कौन हैं मीरा कुमार ?
- लंबे समय तक केंद्रीय मंत्री रह चुके बाबू जगजीवन राम की बेटी हैं मीरा कुमार. उनका जन्म 31 मार्च, 1945 को बिहार के पटना में हुआ था.
- मीरा कुमार ने दिल्ली के इंद्रप्रस्थ कॉलेज और मिरांडा हाउस से एलएलबी और अंग्रेजी में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है.
- मीरा कुमार लॉ ग्रेजुएट हैं और अंग्रेजी साहित्य में पीजी कर चुकी हैं.
- वो 1970 में विदेश सेवा में शामिल हुईं और कई देशों में नियुक्त रहीं .
- साल 1985 में मीरा कुमार पहली बार लोकसभा सांसद बनी. यूपी के बिजनौर लोकसभा क्षेत्र में हुए इस चुनाव में मीरा ने मायावती और रामविलास पासवान जैसे दिग्गजों को हराया था.
- इस दौरान वो लगातार कई संसदीय समितियों की मेंबर रहीं.
- साल 1996 और 1998 में 11वीं और 12वीं लोकसभा चुनावों के लिए मीरा कुमार ने अपना संसदीय क्षेत्र बदल लिया, मीरा दिल्ली के करोलबाग से सांसद बनीं.
- 2004 और 2009 के लोकसभा चुनावों में एक बार फिर मीरा कुमार ने अपना संसदीय क्षेत्र बदल लिया, वो बिहार के सासाराम से लोकसभा सांसद चुनी गईं.
- 2004 से 2009 के बीच वो केंद्र सरकार में मंत्री रहीं. 15 वीं लोकसभा चुनाव में साल 2014 में मीरा बीजेपी के प्रत्याशी छेदी पासवान से हार गईं.
- 3 जून 2009 को मीरा कुमार को लोकसभा स्पीकर चुना गया. वो 2014 तक लोकसभा अध्यक्ष रहीं.
मीरा कुमार का मुकाबला रामनाथ कोविंद से हैं.
जानिए कौन हैं रामनाथ कोविंद
- बिहार के राज्यपाल रह चुके हैं रामनाथ कोविंद
- 1 अक्टूबर 1945 को जन्म
- कानपुर देहात में डेरापुर तहसील के गांव परौख के रहने वाले हैं
- संदलपुर ब्लॉक के गांव खानपुर में हुई स्कूली शिक्षा
- कानपुर यूनिवर्सिटी से बीकॉम और एलएलबी की पढ़ाई की
- 1977 से 1979 तक केंद्र सरकार की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में वकील रहे
- 1980 से 1993 तक केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में स्थाई वकील रहे
- 1994 से 2006 तक कोविंद उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद रहे, इस दौरान वो SC/ST वेलफेयर, पेट्रोलियम और नेचुरल गैस समेत कई संसदीय समितियों के सदस्य रहे
- इसके बाद बीजेपी के संपर्क में आए कोविंद को पार्टी ने साल 1990 में घाटमपुर लोकसभा सीट से चुनाव के मैदान में उतारा. हालांकि, उन्हें हार मिली.
- 2002 में कोविंद ने संयुक्त राष्ट्र की जनरल एसेंबली को संबोधित किया
- इसके बाद2007 में भोगनीपुर सीट से चुनाव लड़ा, इसमें भी उन्हें हार मिली
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टॉपिक: विपक्ष राष्ट्रपति चुनाव UPA
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