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प्रियंका ने दिया TOI को नोटिस, कहा- आवास के लिए नहीं ली कोई मदद

अखबार पर प्रियंका का एक सनसनीखेज, मगर झूठी व अपमानजनक खबर बनाने के लिए तथ्यों को नजरअंदाज करने का आरोप

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को दावा किया था कि उनके सरकारी आवास का किराया ठीक उतना ही है, जितना उनकी श्रेणी के अन्य लोगों के आवास का है और सुरक्षा कारणों से उन्होंने यह परिसर लिया है. इस आवास के लिए उन्होंने किसी किस्म की सरकारी सहायता नहीं ली.

रविवार को अपने इस दावे पर अडिग रहते हुए प्रियंका गांधी ने अंग्रेजी अखबार ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ को कानूनी नोटिस भेजा. उन्होंने मांग की कि अखबार के संपादक उनके सरकारी आवास संबंधी रिपोर्ट पर माफी मांगें.

दरअसल, अखबार की रिपोर्ट में लिखा गया था कि प्रियंका ने मई 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार को पत्र लिखकर यह कहा था कि उनके बंगले का किराया 53,421 रुपये से घटाकर 8,888 रुपये कर दिया जाए. 53,421 रुपए एक बड़ी राशि है और वह इसे अदा करने में अक्षम हैं.

प्रियंका ने की माफी की मांग

प्रियंका गांधी वाड्रा के वकील अमन पंवार ने इस संबंध में अखबार के एडिटर-इन-चीफ जयदीप बोस और अन्य को लीगल नोटिस दिया है.

मेरे मुवक्किल ने आपके प्रतिष्ठित प्रकाशन से माफी की मांग की है और यह भी कि इस पत्र की सामग्री को उसी प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया जाए, जिस तरह से झूठी और दुर्भावनापूर्ण खबर प्रकाशित की गई थी. ऐसा लगता है कि पत्रकारों ने एक सनसनीखेज, मगर झूठी व अपमानजनक खबर बनाने की इच्छा में अकाट्य तथ्यों को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया. आपकी खबर की पूरी प्रकृति, मिजाज भ्रामक है और काल्पनिक घातक शब्दों से भरा हुआ है.
अखबार को दिए गए नोटिस का एक हिस्सा

प्रियंका के दफ्तर ने भी जारी किया बयान

प्रियंका के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि सरकार द्वारा निर्धारित विशेष लाइसेंस शुल्क वह नियमित तौर पर देती रही हैं. इसके लिए उन्होंने कभी कोई सरकारी सहायता नहीं ली.

प्रियंका की ओर से यह बयान तब आया है, जब अखबार में प्रकाशित एक रिपोर्ट में प्रियंका पर सरकारी आवास के किराए के लिए सरकारी सहायता लेने का आरोप लगाया गया.

अखबारी रिपोर्ट में सूचना का अधिकार के तहत प्राप्त एक जवाब का जिक्र किया गया था. इस रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने सरकार को सूचित किया कि उन्होंने एसपीजी के अनुरोध पर यह बंगला लिया है, जिसके बड़े हिस्से पर इसी सुरक्षा एजेंसी का कब्जा है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि इस समय प्रियंका टाइप-6 के सरकारी आवास के लिए महज 31,000 रुपये प्रति माह भुगतान करती हैं.

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