आम आदमी पार्टी (AAP) और उप-राज्यपाल के बीच लड़ाई अब दिल्ली तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पंजाब में भी सरकार और राज्यपाल आमने-सामने आ गए हैं. पंजाब (Punjab) में तो स्थिती यहां तक पहुंच गई है कि राज्यपाल (Governor) बनवारीलाल पुरोहित ने भगवंत मान सरकार (Bhagwant Mann Govt) को चेतावनी भरे अंदाज में, आधिकारिक चिट्ठियों का जवाब न देने पर राष्ट्रपति शासन लगाने की बात कह डाली है.
राज्यपाल ने क्यों दी राष्ट्रपति शासन लगाने की चेतावनी?
अनुच्छेद 356 के जरिए राष्ट्रपति शासन के माध्यम से राज्य का प्रशासन सीधे केंद्र सरकार के अधीन आ जाता है. ऐसा राज्यपाल की सिफारिश पर होता है.
अपनी चिट्ठी में राज्यपाल ने राज्य में ड्रग तस्करी को लेकर चिंता जताई है और सरकार से इसपर उठाए गए कदमों को लेकर जानकारी मांगी है.
राज्यपाल ने पत्र में कहा कि उन्हें नशीले पदार्थों की उपलब्धता और उपयोग के बारे में विभिन्न एजेंसियों से रिपोर्ट मिली है. उन्होंने कहा कि कथित तौर पर फार्मेसियों और यहां तक कि सरकारी शराब दुकानों में भी ड्रग्स मौजूद हैं.
राज्यपाल ने हाल ही में पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पंजाब में हर पांच में से एक आदमी नशे की लत में है.
राज्यपाल ने अपनी ताजी चिट्टी में लिखा है कि सरकार से पत्रों का जवाब न मिलने से वे नाराज हैं. उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि 'संवैधानिक तंत्र की विफलता' के बारे में राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेज सकते हैं. राज्यपाल ने सरकार से कहा कि इससे पहले वे अपना आखिरी फैसला लें, मुख्यमंत्री को कार्रवाई करनी चाहिए.
राज्यपाल ने अपनी ताजी चिट्टी में लिखा है कि सरकार से पत्रों का जवाब न मिलने से वे नाराज हैं. उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि 'संवैधानिक तंत्र की विफलता' के बारे में राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेज सकते हैं. राज्यपाल ने सरकार से कहा कि इससे पहले वे अपना आखिरी फैसला लें, मुख्यमंत्री को कार्रवाई करनी चाहिए.
राज्यपाल ने पत्र में कहा, "ऊपर उल्लिखित मेरे पत्रों के तहत और राज्य में नशीली दवाओं की समस्या के संबंध में आपके द्वारा उठाए गए कदमों के मामले में अपेक्षित जानकारी मांगी गई है, ऐसा न करने पर मेरे पास कानून और संविधान के अनुसार कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा."
राज्यपाल को मर्यादा बनाए रखनी चाहिए- AAP
राज्यपाल की चेतावनी पर प्रतिक्रिया देते हुए AAP नेता मालविंदर सिंह कांग ने कहा कि राज्यपाल को मर्यादा बनाए रखनी चाहिए. उन्होंने कहा,
"भारत का संविधान निर्वाचित लोगों को अधिकार देता है... राज्यपाल द्वारा ऐसी धमकी और चेतावनी, राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी- BJP का एजेंडा राज्यपाल के होठों पर आ गया है."
उन्होंने आगे कहा, "मैं राज्यपाल से कहना चाहूंगा कि अगर वे राष्ट्रपति शासन लगाना चाहते हैं, तो उन्हें मणिपुर, हरियाणा में ऐसा करना चाहिए. पंजाब सरकार संवैधानिक ढांचे के भीतर काम कर रही है. राज्यपाल का सिर्फ एक एजेंडा है- गैर-BJP शासित राज्य सरकारों को परेशान करने के एजेंडे को आगे बढ़ाना."
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