बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी की वरिष्ठ नेता राबड़ी देवी के बयान पर बिहार में सियासत शुरू हो गई है. दरअसल राबड़ी देवी ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग का समर्थन किया है. बिहार विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन यानी गुरुवार को विधानसभा परिसर में पत्रकारों ने तेजस्वी के मुख्यमंत्री बनाने की आरजेडी विधायकों और कार्यकर्ताओं की मांग पर राबड़ी देवी से पूछा तो उन्होंने कहा-
अगर जनता चाहेगी, तो तेजस्वी मुख्यमंत्री बनेंगे. लोकतंत्र में जनता ही मालिक है.
आपको बता दें कि राबड़ी देवी आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की पत्नी और तेजस्वी यादव की मां हैं.
राबड़ी के बयान पर जेडीयू के वरिष्ठ नेता श्याम रजक ने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री पद के लिए कोई 'वेकेंसी' नहीं है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी को बोलने का अधिकार है. महगठबंधन के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं.
लालू भी कर चुके हैं 'दिल की बात'
पिछले दिनों आरजेडी के कई विधायकों ने यूपी में अखिलेश की तर्ज पर लालू के बेटे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की थी. इस पर लालू ने कहा था कि तेजस्वी भविष्य के सीएम हैं, क्योंकि वो खुद यानी लालू बूढ़े हो चुके हैं. हालांकि, तेजस्वी ने खुद इस बहस से किनारा करते हुए कहा था कि अभी बिहार में महागठबंधन की सरकार ठीक से चल रही है. अभी मुख्यमंत्री पद के लिए कोई 'वैकेंसी' नहीं है.
तेजस्वी यादव तैयार हैं !
अब सवाल ये है कि बिहार के डिप्टी सीएम क्या 11 करोड़ से ज्यादा की जनसंख्या वाले बिहार की जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हैं ? पिछली विधानसभा में गठबंधन चुनाव लड़ने वाली आरजेडी-जेडीयू में सीएम नीतीश के चेहरे पर वोट मांगा गया. बेदाग छवि वाले नीतीश को सुशासन की बयार वाला समझा जाता रहा है.
शराबबंदी जैसा कठिन फैसला लेकर नीतीश ने गठबंधन सरकार की भी छवि को सुधारने का काम किया है. ऐसे में मुख्यमंत्री पद के लिए मांग उठना गठबंधन के लिए तो हानिकारक हो सकता है.
युवाओं में मशहूर हैं तेजस्वी
27 साल के तेजस्वी राज्य के डिप्टी सीएम के साथ-साथ निर्माण, पिछड़ा-अति पिछड़ा कल्याण विभाग की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. काम के लिहाज से बात करें तो उन्होंने राज्य के कई मुद्दों को केंद्र सरकार के सामने उठाया है. पिछले दिनों नोटबंदी पर वो ज्यादा मुखर नजर आएं. नोटबंदी के विरोध में उन्होंने मोदी सरकार पर सीधा हमला किया था, हालांकि लड़कियों से शादी के ऑफर मिलने के कारण वो खबरों में ज्यादा रहे थे. 14 फरवरी यानी वैलेंटाइन डे के दिन लड़कियां तेजस्वी से मिलने के लिए लंबी कतारों में गुलाब लिए खड़ी नजर आईं थीं.
तेजस्वी के बड़े भाई तेजप्रताप सूबे के स्वास्थ्य मंत्री हैं. लालू प्रसाद यादव कई जगहों पर तेजस्वी को तेजप्रताप से ज्यादा तवज्जों देते दिखते हैं. चारा घोटाला केस में सजा मिलने के बाद लालू अब सीएम नहीं बन सकते, हो सकता है तभी उन्हें तेजस्वी में भविष्य का सीएम दिखता है.
तेजस्वी की 'दिल की बात'
तेजस्वी फेसबुक और ट्विटर पर अपने समर्थकों के लिए 'दिल की बात' करते हैं. इस दिल की बात सेशन में वो अपने समर्थकों को बिहार से जुड़ी समस्याओं पर जवाब देते हैं. तेजस्वी सोशल मीडिया पर ज्यादा से ज्यादा एक्टिव रहकर ये भी साबित कर रहे हैं कि बिहार सरकार में युवाओं की नुमाइंदगी वही करते हैं.
पढ़ाई में कच्चे रह गए हैं डिप्टी सीएम
पढ़ाई के मामले में डिप्टी सीएम थोड़े कच्चे नजर आते हैं. विधानसभा चुनाव के हलफनामे के मुताबिक तेजस्वी 8वीं पास हैं. 9वीं की पढ़ाई उन्होंने दिल्ली के आरकेपुरम के डीपीएस से की थी.
क्रिकेट में आजमा चुके हैं हाथ
राजनीति में आने से पहले तेजस्वी क्रिकेट को अपना करियर बनाना चाहते थे. तेजस्वी झारखंड की तरफ से रणजी ट्रॉफी खेल चुके हैं. साल 2008 से 2012 तक वो इंडियन प्रीमियर लीग की दिल्ली डेयरडेविल्स टीम का हिस्सा रहे, हालांकि मैदान में क्रिकेट खेलते कम ही नजर आए हैं तेजस्वी यादव.
राजनीति में फिलहाल इनकी शुरुआत ही हुई है. ऐसे में बातें तो होती रहेंगी, लेकिन तेजस्वी और उनके पिता लालू यादव फिलहाल महागठबंधन को तोड़ने का रिस्क नहीं लेना चाहेंगे.
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