राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि विदेश नीति पर बड़ी-बड़ी बातें करने वाली मोदी सरकार ने चीन के सामने घुटने टेक दिए. क्विंट के साथ खास बातचीत में राहुल गांधी ने ये बात कही. राहुल गांधी ने ये भी कहा विदेश नीति को मोदी सरकार ने सर्कस बना दिया है.
राहुल गांधी लोकसभा चुनाव 2019 के लिए आखिरी चुनावी रैली करने हिमाचल प्रदेश के सोलन में थे, यहां उनसे क्विंट के फाउंडर और एडिटर इन चीफ राघव बहल और एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने खास बातचीत की. क्विंट के फाउंडर और एडिटर इन चीफ राघव बहल ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से विदेश नीति पर सवाल पूछा था.
हमने मोदी सरकार के दौरान विदेश नीति में बड़ा बदलाव देखा. हमारी नीति काफी हद तक आक्रामक हुई, चाहे वो सर्जिकल स्ट्राइक हो या एयरस्ट्राइक हो. और सरकार ने इसका श्रेय भी लिया.
नहीं ऐसा नहीं है...चीन ने पीएम मोदी को डोकलाम मामले में साफ संदेश दिया था. पीएम चीन गए और उनके आगे घुटने टेक दिए. यही हुआ है. पीएम मोदी बौखला गए. वो चीन गए, जहां उन्होंने बिना एजेंडे के बातचीत की. जब एक तरफ सीमा पर डोकलाम जैसा विवाद है तो बिना एजेंडे के बातचीत कैसे हो सकती है? मतलब वो (मोदी) पूरी तरह से समर्पण कर चुके थे. पीएम मोदी ने विदेश नीति पर एक्सपर्ट्स की राय लेनी बंद कर दी है.
इसी इंटरव्यू में राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने विदेश नीति और रणनीति पर एक्सपर्ट्स से बात तक नहीं करते.
हमने 6 सर्जिकल स्ट्राइक की. लेकिन मनमोहन सिंह ने इस पर कोई बात नहीं की. मनमोहन सिंह, सेना और रणनीति बनाने वालों ने स्ट्राइक की. मोदी जी ने क्या किया? उन्हें इस बात से फर्क ही नहीं पड़ता कि रणनीति बनाने वाले क्या कह रहे हैं. वो (मोदी) क्या कर रहे हैं देखिए. वो एयरफोर्स को कह रहे हैं कि स्ट्राइक नहीं रोकनी चाहिए क्योंकि बादल रडार को प्लेन पकड़ने से रोकेंगे. हो क्या रहा है यहां? मोदी जी रडार प्लेन को पकड़ने के लिए ही डिजाइन किए जाते हैं. जाइए और रडार के बारे में कुछ पढ़िए. या जाकर किसी पायलट से बात कीजिए.राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष
स्ट्रैटेजी को बनाया सर्कस - राहुल
राहुल गांधी ने विदेश नीति पर बात करते हुए पीएम मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने स्ट्रैटेजी को सर्कस बना दिया है. राहुल ने कहा, ‘‘पीएम ने स्ट्रैटेजी को अपने हाथों में ले लिया है और उसको सर्कस बना दिया है. रणनीतिक सोच या कार्रवाई सर्कस नहीं हो सकते. स्ट्रैटेजिक एक्शन बहुत सोच समझकर किया जाता है उनके बारे में कभी बात नहीं की जाती है.’’
कांग्रेस की क्या विदेश नीति रहने वाली है?
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘21वीं सदी में विदेश नीति के जो चैलेंज हैं वो साफ हैं, एक तरफ सुपरपावर है अमेरिका, दूसरी तरफ एक उभरता सुपरपावर चीन है, यूरोप में बिखराव है. ऐसे में भारत को ये बात समझनी चाहिए कि उसका एक ग्लोबल रोल है. उसे चीन और अमेरिका के साथ एक जैसा ही रहना होगा. भारत दोनों देशों में से किसी एक के साथ उसका करीबी बनकर नहीं रह सकता. ये भारत के लिए एक बड़ा मौका है. और भारत को ये समझने की जरूरत है कि उसकी ताकत कहां है और वो कमजोर कहां है.
भारत को वो नहीं करना चाहिए जो मोदीजी कर रहे हैं. वो स्ट्रैटेजिक ताकत पर भरोसा नहीं करते. वही हमारी ताकत है. ये नहीं की भाषण दिए जाएं और मसलों को हल्का कर दिया जाए, वो भी सिर्फ कुछ वोटों के लिए. ये विदेश नीति नहीं है. विदेश नीति ये होती है कि एक्सपर्ट्स के पास जाएं और पूछें कि - क्या किया जाए.’’राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष
भारत न लेफ्ट है न राइट...
राहुल गांधी से जब पूछा गया कि भारत चीन के साथ खड़ा होगा या अमेरिका के साथ या फिर वो दोनों के साथ बराबरी की दूरी बनाकर रखेगा? राहुल ने इसके जवाब में कहा कि, भारत के एक राजनेता से पूछा गया था कि भारत लेफ्ट की तरफ झुकाव रखता है या राइट की तरफ तो उन्होंने कहा था कि भारत अपनी जगह तनकर खड़ा है.
यहां देखें राहुल गांधी का पूरा इंटरव्यू
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