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राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल, लोकसभा सचिवालय ने जारी की अधिसूचना

सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त को मोदी सरनेम वाले मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी थी.

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लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की संसद सदस्याता बहाल कर दी है. बता दें, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 4 अगस्त को मोदी सरनेम मामले (Modi Surname Case) में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी थी. जिसकी कॉपी कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को सौंप दी थी और राहुल गांधी की सदस्यता बहाली की मांग की थी. ऐसे में आज लोकसभा सचिवालय की तरफ से एक लेटर जारी कर राहुल गांधी की संसद संदस्यता बहाल की गई. बता दें, राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से लोकसभा के सदस्य हैं.

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सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त को मोदी सरनेम वाले मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी थी.

लोकसभा सचिवालय द्वारा राहुल गांधी की सदस्यता बहाल किए जाने के बाद उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट बायो को अपडेट करते हुए 'Dis'Qualified MP' हटाते हुए 'Member of Parliament' लिख दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त को मोदी सरनेम वाले मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी थी.

किस केस में गई थी संसद सदस्यता, क्या है पूरा मामला?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को 23 मार्च 2023 को सूरत की एक कोर्ट (Surat Court) ने 'मोदी सरनेम' बयान को लेकर दोषी ठहराया और 2 साल की सजा सुनाई थी. राहुल गांधी को इस मामले में 1 महीने की जमानत भी मिल गई थी लेकिन शुक्रवार, 24 मार्च को राहुल गांधी को बड़ा झटका देते हुए लोकसभा सचिवालय ने उनकी संसद की सदस्यता रद्द कर दी थी.

राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था.

राहुल गांधी पर आरोप है कि उन्होंने कहा था कि "कैसे सभी चोरों का सरनेम मोदी है?" उनके इस बयान के बाद बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी.

राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने गुरुवार को दोषी करार दिया था. कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी. कुछ देर बाद उसी कोर्ट ने उन्हें 30 दिन के लिए जमानत भी दे दी. राहुल गांधी के वकील बाबू मांगूकिया के मुताबिक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की कोर्ट ने राहुल गांधी को IPC की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराया था. साथ ही उन्हें जमानत दे दी और 30 दिनों के लिए सजा को निलंबित कर दिया, ताकि उन्हें हाई कोर्ट में अपील करने का मौका मिल सके लेकिन उससे पहले ही उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी थी.

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इसके बाद राहुल गांधी से जुड़े इस मामले पर गुजरात हाईकोर्ट में सुनवाई और कोर्ट ने सूरत की कोर्ट का फैसला बरकरार रखते हुए उनकी सजा जारी रखी थी.

इसके बाद राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और 4 अगस्त को अदालत ने उनकी सजा पर रोक लगा दी.

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