जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 को हटाने को लेकर संसद, सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक बहस जारी है. संसद में लगातार इस फैसले पर गरमागरम चर्चा चल रही है. राहुल गांधी ने कहा है कि राष्ट्र को जोड़ने का काम एकतरफा तरीके से और चुने हुए प्रतिनिधियों को जेल में डालकर संविधान का उल्लंघन करके नहीं हो सकता है. साथ ही कश्मीरी नेताओं को 'कैद' करने को राहुल गांधी ने बेवकूफी भरा कदम बताया है.
कश्मीर के मेनस्ट्रीम के पॉलिटिकल लीडर्स को अज्ञात जगहों पर जेल में डाल दिया गया है. ये असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है. ये बेवकूफाना फैसला है क्योंकि जब नेतृत्व ही नहीं होगा तो आतंकी इस नेतृत्व की कमी को भरने की कोशिश कर देंगे. कैद किए गए नेताओं को रिहा किया जाना चाहिए.
संविधान का उल्लंघन किया जा रहा है: राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा,
राष्ट्र को जोड़ने का काम, एकतरफा तरीके से जम्मू-कश्मीर के टुकड़े करके, चुने हुए प्रतिनिधियों को जेल में डालकर और संविधान का उल्लंघन करके नहीं हो सकता. यह देश इसके लोगों ने बनाया है, जमीन के टुकड़ों ने नहीं. सत्ता के इस दुरुपयोग से हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ सकता है.
राहुल गांधी ने कहा कि नेताओं को ऐसे जेल में भरकर संविधान का उल्लंघन किया जा रहा है.
फारूक अब्दुल्ला को हिरासत में नहीं लिया गया: शाह
इससे पहले अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और सांसद फारूख अब्दुल्ला को न तो हिरासत में लिया गया है और न ही गिरफ्तार किया गया है, वह अपनी मर्जी से अपने घर पर हैं. गृह मंत्री की ये टिप्पणी सदन में एनसीपी की सुप्रिया सुले द्वारा फारूख अब्दुल्ला के सदन में उपस्थित नहीं होने का जिक्र किये जाने पर आई. सुप्रिया सुले ने सदन में अपनी सीट के पास वाली सीट की ओर इशारा करते हुए कहा कि आज वो (फारूख) सदन में नहीं हैं, उनकी आवाज नहीं सुनी जा सकी. इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘‘ वो न तो हिरासत में हैं और न ही गिरफ्तार किया गया है, वो अपनी मर्जी से अपने घर पर हैं.’’
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