ADVERTISEMENTREMOVE AD

राजस्थान: गहलोत-पायलट में आज आर-पार, कांग्रेस का दावा-सरकार सेफ

अशोक गहलोत सरकार फिलहाल मुश्किलों से जूझती नजर आ रही है

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

राजस्थान में अचानक तेज हुई सियासी हलचल के बीच अशोक गहलोत सरकार मुश्किलों से जूझती नजर आ रही है. अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने आधिकारिक बयान जारी कर दावा किया है कि गहलोत सरकार अल्पमत में है. पायलट का दावा है कि 30 से ज्यादा कांग्रेसी और कुछ निर्दलीय विधायक उनके साथ हैं. हालांकि कांग्रेस का दावा है कि अशोक गहलोत सरकार सुरक्षित है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
बयान में पायलट ने कहा कि वह सोमवार को होने जा रही कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी शामिल नहीं होंगे. यह बैठक मुख्यमंत्री गहलोत के आवास पर सोमवार सुबह 10:30 बजे होगी.

बता दें कि 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक हैं, जबकि बीजेपी के 72 विधायक हैं. विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 101 का है.

कांग्रेस ने विधायकों को जारी किया व्हिप

सोमवार को होने जा रही कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले राजस्थान कांग्रेस इंचार्ज अविनाश पांडे ने बताया, ''109 विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई वाली सरकार, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व के प्रति अपना विश्वास और समर्थन जताते हुए हस्ताक्षर किए हैं. कुछ और विधायकों ने मुख्यमंत्री के साथ टेलीफोन पर बातचीत की है, वे भी (सोमवार) सुबह तक अपने समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर कर देंगे.''

इसके अलावा पांडे ने बताया, ‘’सोमवार सुबह होने जा रही कांग्रेस विधायक दल की बैठक में अनिवार्य मौजूदगी के लिए सभी पार्टी विधायकों को व्हिप जारी किया गया है. व्यक्तिगत/विशेष कारण बताए बिना गैर-मौजूद रहने वाले विधायकों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.’’

राजस्थान में अचानक कैसे तेज हुई सियासी हलचल?

राजस्थान में हालिया सियासी हलचल तब तेज हुई जब राजस्थान पुलिस के विशेष कार्यबल (एसओजी) ने राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त और निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने के आरोपों के संबंध में शुक्रवार को एक मामला दर्ज किया था.

बताया जा रहा है कि एसओजी ने दो मोबाइल नंबरों की निगरानी से सामने आई जानकारी के आधार पर यह मामला दर्ज किया था.

एसओजी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और चीफ व्हिप को इस मामले में बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजकर उनका समय मांगा था. इस बीच मीडिया में सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट्स सामने आईं कि एसओजी के लेटर ने पायलट को नाखुश कर दिया और इसे उन्होंने अपमान के तौर पर देखा है.

गहलोत ने इस मामले पर रविवार को ट्वीट कर कहा, ''एसओजी को जो कांग्रेस विधायक दल ने बीजेपी नेताओं द्वारा खरीद-फरोख्त की शिकायत की थी उस संदर्भ में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, चीफ व्हिप, अन्य कुछ मंत्री और विधायकों को सामान्य बयान देने के लिए नोटिस आए हैं. कुछ मीडिया द्वारा उसको अलग ढंग से प्रस्तुत करना उचित नहीं है.''

इससे पहले गहलोत ने शनिवार को बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा था,‘‘कोरोना वायरस संक्रमण के वक्त में बीजेपी के नेताओं ने मानवता और इंसानियत को ताक पर रख दिया है... ये लोग सरकार गिराने में लगे हैं. ये लोग सरकार कैसे गिरे, किस प्रकार से तोड़-फोड़ करें ... खरीद फरोख्त कैसे करें ... इन तमाम काम में लगे हैं.’’

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×