धड़ेबाजी में फंसी और आने वाले विधानसभा चुनाव में नेतृत्व के सवाल का जवाब तलाशने में लगी राजस्थान बीजेपी ( Rajasthan BJP) के नेताओं को राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष (BL Santosh) ने गुटबाजी से दूर रहने की दो टूक नसीहत दी है.
संतोष ने कहा कि बहस करना या खिलाफत में नारेबाजी करना बंद करके प्रदेश बीजेपी के नेताओं को 2023 में सरकार कैसे बने, इस काम में लग जाना चाहिए. जहां तक नेतृत्व का सवाल है, वो समय आने पर पार्टी का केन्द्रीय नेतृत्व तय करेगा.
पार्टी के कामकाज की समीक्षा
22 सितंबर को कुंभलगढ़ में खत्म हुए राजस्थान बीजेपी के दो दिवसीय चिंतन शिविर में बीएल संतोष की मौजूदगी में पिछले दो साल में पार्टी के कामकाज को लेकर समीक्षा भी हुई. खुद संतोष ने गुटबाजी से जूझ रही प्रदेश बीजेपी की मजबूती को लेकर बीजेपी नेताओं का एक सेशन भी लिया.
चिंतन शिविर में राष्ट्रीय महासचिव और राजस्थान बीजेपी प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि, अब तक जो भी बाते सामने आई हैं उसे भूलकर 2023 पर फोकस करना चाहिए. उन्होंने कहा कि,
प्रदेश में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल मे दलित अत्याचार को लेकर मामले बढ़ रहे हैं. बीजेपी के नेताओं को इन मामलों पर सरकार को घेरना चाहिए.
बीजेपी के प्रमुख 35 नेताओं की मौजूदगी में ये दो दिवसीय चिंतन शिविर आठ सत्रों में चला.
2023 के एक्शन प्लान पर चर्चा
चिंतिन शिविर को लेकर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने बताया कि, राजस्थान के सभी विधानसभा क्षेत्रों की, जिलों की, और संभागों की समीक्षा हुई है. समीक्षा के बाद जो एक्शन प्लान बनेगा, उसको हम धरातल पर लागू करेंगे.
संगठन के कार्यों की समीक्षा और मिशन 2023 इन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चिंतन बैठक में खास तौर पर चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि पार्टी को पूरे राजस्थान में भौगोलिक और सामाजिक तौर पर मजबूत बनाने को लेकर भी चर्चा हुई.
2023 का लक्ष्य तैयार
पूनिया ने कहा कि मिशन 2023 का पार्टी का जो लक्ष्य है,वो ये है कि जो परसेप्शन है कि एक बार सत्ता में बीजेपी और एक बार कांग्रेस, इस धारणा को जनता के आशीर्वाद से खत्म करेंगे. बीजेपी संगठन की खूबियों से सत्ता में आना चाहती है, इस कार्ययोजना पर काम किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि इन दिनों प्रदेश बीजेपी में सशक्त मंडल अभियान और सेवा और समर्पण अभियान चल रहे हैं और आने वाले समय में मिशन 2023 के लिए राजनीतिक तौर पर कौन से मुद्दे प्रमुख होंगे, उन पर हमें अभी से काम करना है.
वसुंधरा की गैर मौजूदगी में हुई बैठक
बीजेपी के इस चिंतन में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे निमंत्रण के बावजूद भी मौजूद नहीं रही. शिविर में बुलाए गए कुछ चुनिंदा नेताओं में वसुंधरा राजे गुट के माने जाने वाले नेताओं को दूर रखा गया.
हालांकि बीजेपी ने अधिकृत रुप से राजे की बहु के बीमार होने के कारण मीटिंग से अनुपस्थिति रहने की जानकारी दी गई थी.
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