राजस्थान (Rajasthan) में मंत्रिमंडल पुनर्गठन जल्द होने जा रहा है. लंबे समय से लंबित चल रहे कैबिनेट फेरबदल को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने शासन सचिवालय कर्मचारी संघ के शपथ समारोह के दौरान खुद पहली बार बयान दिया है. गहलोत ने संघ के शपथ समारोह में कहा कि लगता है कि हमारा मंत्रिमंडल भी अब जल्द ही पुनर्गठित हो जाएगा. ये भी लगता है कि आप ही के कारण ये भी रुका हुआ था. अब जल्दी ही हमारा भी शपथ समारोह होगा.
हालांकि गहलोत ने इसकी तारीख का ऐलान नहीं किया. गहलोत अगले दो दिन कुछ जिलों के दौरे पर जाएंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि 18 नवंबर के बाद कभी भी मंत्रिमंडल का पुनर्गठन कर दिया जाएगा.
गहलोत ने कहा कि कोरोना के चलते इस बारे में देरी हो रही थी लेकिन अब इसको लेकर जल्द ही सूचना देंगे. हाल ही में कुछ दिनों पहले गहलोत की नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी इस बारे में चर्चा हुई थी. इसके बाद गहलोत ने स्पष्ट कहा था कि राजस्थान में सभी तरह के फैसले सोनिया गांधी को लेने हैं.
इधर, गहलोत मंत्रिमंडल में एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत को लागू करने की चर्चा जोरों पर हैं. अभी हाल ही में पंजाब और गुजरात में प्रभारी बनाए गए गहलेात मंत्रिमण्डल के सदस्य हरीश चौधरी और रघु शर्मा पहले ही इस तरह के संकेत दे चुके है. दोनों मंत्रियों ने कहा कि वे संगठन में काम करना चाहते हैं. मंत्री पद छोड़ने को लेकर वे पार्टी आलाकमान को बता चुके हैं.
इसके अलावा जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम में शिक्षक सम्मान समारोह के दौरान शिक्षा राज्य मंत्री प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को एक पद पर रखने के संकेत दे दिए हैं. डोटासरा के भाषण के बाद मुख्यमंत्री ने यहां तक कहा कि शिक्षा मंत्री ने इस तरह से भाषण दिया मानो यह उनका विदाई भाषण हो. डोटासरा ने हाईकमान को भी एक पद पर रहने का कई बार आग्रह कर लिया है. मुझे लगता है कि अब डोटासरा जी सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष पद पर ही रहना चाहते हैं.
गहलोत, पायलट सोनिया से कर चुके हैं मुलाकात
राजस्थान में सत्ता और संगठन में बदलाव के फार्मूले पर चर्चा को कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी से चर्चा हो चुकी है. मुलाकात के बाद दोनों ही नेताओं ने मीडिया से कहा था कि फैसला सोनिया गांधी को करना है.
पायलट ने यह भी कहा था कि राजस्थान में बदलाव होना चाहिए. वहीं दूसरी तरफ गहलोत खेमे की तरफ से लगातार मंत्रिमण्डल विस्तार के समर्थन में बयानबाजी होती रही है.
गहलोत सरकार के दिसंबर में तीन साल पूरे
राजस्थान में कांग्रेस सरकार गठन के साथ ही मंत्रिमण्डल में फेरबदल को लेकर इंतजार किया जा रहा है. प्रदेश के प्रमुख महकमों में राजनीतिक पद भी खाली चल रहे हैं. अब राजस्थान को लेकर कांग्रेस आलाकमान की सक्रियता के बाद हलचल तेज हुई है. बताया जा रहा है कि किसी भी समय गहलोत मंत्रिमण्डल पुनर्गठन को लेकर तारीख का ऐलान किया जा सकता है.
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