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राजस्थान: गहलोत सरकार के सामने अभी भी चुनौती, क्या कह रहे आंकड़े?

अशोक गहलोत सरकार से फिलहाल खतरा टला हुआ नजर नहीं आ रहा

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राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस में अंदरूनी कलह के बीच सोमवार को जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई. उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके करीबी माने जाने वाले विधायक इस बैठक में शामिल नहीं हुए.

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस बैठक में कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश चंद मीणा सहित कम से कम 18 पार्टी विधायकों के गैर-मौजूद रहने की बात कही जा रही है. जबकि कांग्रेस ने इस बैठक में अनिवार्य मौजूदगी के लिए विधायकों को व्हिप जारी किया था.

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200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 101 का है. विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक हैं, जबकि बीजेपी के विधायकों की संख्या 72 है. बीजेपी की सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के 3 विधायक हैं. विधानसभा में 13 निर्दलीय विधायक भी हैं. अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, गहलोत खेमे का दावा है कि 10 निर्दलीय विधायक उसके समर्थन में हैं. 

इस बीच, भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने अपने दोनों विधायकों से तटस्थ रहने को कहा है. पार्टी ने दोनों विधायकों के लिए सदन में शक्ति परीक्षण के दौरान न तो कांग्रेस और न ही बीजेपी के पक्ष में वोट देने का व्हिप जारी किया है.

हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों में से एक विधायक ने सरकार के पक्ष में सर्मथन जारी रखने की बात कही है. गहलोत और पायलट की तनातनी के बीच बाकी विधायकों को लेकर फिलहाल स्थिति साफ नहीं है.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, पायलट ने रविवार को आधिकारिक बयान जारी कर दावा किया कि गहलोत सरकार अल्पमत में है. पायलट ने दावा किया कि 30 से ज्यादा कांग्रेसी और कुछ निर्दलीय विधायक उनके साथ हैं.

इस बीच, न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि सोमवार को पायलट खेमे ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें इस खेमे के विधायक हरियाणा के मानेसर स्थित एक रिजॉर्ट में रणनीति बनाते दिख रहे हैं. हालांकि, इस वीडियो में विधायकों की उतनी संख्या नहीं दिख रही, जितनी संख्या का रविवार को दावा किया गया था.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सोमवार को जयपुर में कहा, ‘‘एक बार फिर हम सचिन पायलट, सभी विधायक साथियों को लिखकर भी भेज रहे हैं ... उनसे अनुरोध करते हैं कि आइए राजनीतिक यथास्थिति पर चर्चा करें. राजस्थान को कैसे मजबूत करें, ये चर्चा करें. अगर किसी व्यक्ति विशेष से कोई मतभेद है तो खुले मन से वो भी कहिए, कांग्रेस नेतृत्व ... सोनिया गांधी और राहुल गांधी सबकी बात सुनने और उसका हल निकालने के लिए संपूर्ण रूप से तैयार हैं.’’

सुरजेवाला ने इसके आगे कहा,‘‘कल (मंगलवार) दस बजे यह बैठक है और मुझे यह विश्वास है कि कांग्रेस पार्टी के सारे विधायक, मंत्री, उपमुख्यमंत्री एव मुख्यमंत्री इसमें भाग लेंगे.’’

कांग्रेस विधायक दल ने सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया और सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में आस्था जताई.

ये भी देखें- राजस्थान पॉलिटिक्स : तख्तापलट को गहलोत ने कैसे किया ‘टैप’?

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