राज्यसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपनी लिस्ट जारी की है. खास बात ये है कि अरुण जेटली गुजरात से नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश से राज्यसभा चुनाव लड़ेंगे. साल 2000 से ही राज्यसभा में गुजरात का नेतृत्व कर रहे जेटली को आखिर क्यों गुजरात छोड़ना पड़ा?
इस सवाल का जवाब पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे से मिलता है. गुजरात विधानसभा का बदला हुआ समीकरण बीजेपी और अरुण जेटली के लिए महंगा पड़ा है. फिलहाल, राज्य में 4 सीटें बीजेपी के पास हैं. अब उसे 2 सीटों का नुकसान उठाना पड़ सकता है.
क्या है राज्यसभा चुनावों का गणित?
पिछले साल दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में मिली सीटों की संख्या के हिसाब से बीजेपी और कांग्रेस राज्यसभा में दो-दो सीटें हासिल करने की स्थिति में हैं. गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सीटें 2012 के 115 से घटकर 2017 में 99 रह गईं. जबकि कांग्रेस की सीटें 60 से बढ़कर 77 हो गईं. राज्यसभा चुनाव के नियम के मुताबिक एक उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए 38 वोटों की दरकार होगी. इसलिए दोनों ही पार्टियों को 2-2 ही सीटें मिलने की संभावना है.
बीजेपी की परेशानी!
बीजेपी के लिए 2 उम्मीदवार को चुनना मुश्किल हो गया था, क्योंकि फिलहाल 4 राज्यसभा सदस्यों में से 3 तो मंत्री हैं. अरुण जेटली, पुरषोत्तम रुपाला और मनसुख मंडाविया. चौथे हैं शंकरभाई वेगाड़. अब अरुण जेटली को उत्तर प्रदेश से संसद के ऊपरी सदन में भेजने की तैयारी है.
कांग्रेस में चल रही है लॉबिंग?
कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक राज्यसभा की सीट हासिल करने के लिए पार्टी के अंदर भारी लॉबिंग चल रही है. सूत्र ने कहा, ‘‘गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी, विधानसभा चुनाव हार गये शक्तिसिंह गोहिल, अर्जुन मोधावाड़िया, सिद्धार्थ पटेल और तुषार चौधरी जैसे नेता इन सीटों के लिए दौड़ में हो सकते हैं. '' वैसे उम्मीदवारों के बारे में अंतिम फैसला नयी दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान करेगा.
(इनपुट: एजेंसियां)
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