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थार में रार: सचिन पायलट के दिमाग में आखिर क्या चल रहा है?

पिछले कुछ दिनों में सोशल मीडिया पर कैसा रहा है पायलट का रुख

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राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस में अंदरूनी कलह के बीच उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है. अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, पायलट ने रविवार को आधिकारिक बयान जारी कर दावा किया कि गहलोत सरकार अल्पमत में है. पायलट ने दावा किया कि 30 से ज्यादा कांग्रेसी और कुछ निर्दलीय विधायक उनके साथ हैं.

एनडीटीवी के मुताबिक सोमवार को पायलट ने कहा कि वो बीजेपी में नहीं जा रहे. ऐसे में राजस्थान में स्थिति बहुत असमंजस वाली बन गई है. तो आखिर पायलट सोच क्या रहे हैं? क्या उनके सोशल मीडिया अकाउंट से कुछ इशारा मिल सकता है?

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राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या उन्होंने पिछले दिनों में सोशल मीडिया पर बगावत के कोई संकेत दिए हैं? उन्होंने वहां किस तरह का रुख दिखाया है? चलिए, इन सवालों का जवाब तलाशने के लिए पायलट के पिछले कुछ ट्वीट्स पर नजर दौड़ाते हैं.

जब पायलट ने की कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान की बात

पायलट ने 23 जून को ट्विटर पर अपना एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा था, ''जिन कार्यकर्ताओं ने पांच साल तक कंधे से कंधा मिलाकर पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की और अपना खून-पसीना बहाया, उन लोगों के मान-सम्मान की रक्षा करना मेरा प्रथम कर्तव्य है.''

वीडियो में पायलट करते दिख रहे हैं, ''चाहे कुछ भी हो जाए, उन लोगों (कार्यकर्ताओं) की प्रतिष्ठा पर मैं कभी भी आंच नहीं आने दूंगा. मैं प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष हूं...खून पसीना बहाकर हम इस पार्टी को सत्ता में लेकर आए हैं, उसका पूरा मान सम्मान, चाहे नियुक्ति के माध्यम से हो, चाहे पार्टी या सरकार में भागीदारी के माध्यम से हो, ये सुनिश्चित करना मेरा प्रथम कर्तव्य है.''

साल 2013 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बेहद खराब प्रदर्शन के बाद सचिन पायलट को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका दी गई थी. इसके बाद उन्होंने और उनके समर्थक कार्यकर्ताओं/नेताओं ने कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए जो संघर्ष किया था, जाहिर तौर पर उसी के हिसाब से उन्होंने पार्टी/सरकार में भागीदारी की उम्मीद की होगी. पायलट ने अपने भाषण में इसके संकेत भी दिए.

राजस्थान में दिसंबर 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने से पहले ही गहलोत और पायलट के बीच तकरार शुरू हो गई थी. विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार चयन के दौरान विवाद सामने आया था, इसके बाद यह तब बढ़ गया जब पार्टी हाई कमान ने अनुभवी गहलोत को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना. इसके बाद कई बार गहलोत और पायलट के बीच तनातनी की खबरें आईं.

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बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर भी लगातार निशाना

पिछले कुछ दिनों में पायलट सोशल मीडिया पर लगातार कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के कंधे से कंधा मिलाकर बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को निशाने पर लेते भी दिखे हैं.

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फिलहाल सचिन पायलट के अगले सियासी कदम को लेकर कई तरह की अटकलें सामने आ रही हैं. ऐसे में स्थिति को साफ कर इन अटकलों पर विराम खुद पायलट ही लगा सकते हैं.

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