छत्तीसगढ़ में रमन सिंह की चौथी बार ताजपोशी होगी या नहीं इसे लेकर सट्टा बाजार को भी भरोसा नहीं है. सट्टा बाजार ये अंदाज लगा ही नहीं पा रहा है कि लगातार तीन टर्म के बाद चौथी बार बीजेपी की सरकार में वापसी होगी या फिर इस बार कांग्रेस के हाथ सत्ता आएगी.
छत्तीसगढ़में दो चरणों की वोटिंग 20 नवंबर को खत्म हो चुकी है. वैसे तो नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे पर सटोरियों के भाव से लगता है कि नतीजे बड़ा सरप्राइज दे सकते हैं.
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सट्टा बाजार में इस वक्त कांग्रेस और बीजेपी को 40-42 सीटों पर बराबरी का भाव मिल रहा है. राज्य में बहुमत के लिए 46 सीटें चाहिए.
छत्तीसगढ़ में इस बार चुनाव में न तो कोई बड़ा मुद्दा था और न कोई लहर. खास बात यही है कि राज्य में पिछली बार के मुकाबले 3 परसेंट कम वोटिंग हुई है. 2013 में करीब 77 परसेंट के मुकाबले 74 परसेंट रही.
माना जा रहा था कि अजीत जोगी की छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस और बीएसपी गठबंधन के मैदान में उतरने की वजह से सरकार बनाने में उनकी पार्टी की भूमिका अहम हो जाएगी. सट्टा भाव से भी यही लग रहा है कि टक्कर बराबरी की है और त्रिशंकु विधानसभा हो सकती है.
हालांकि कांग्रेस ने वोटिंग के पहले साफ कर दिया है कि वो सरकार बनाने में अजीत जोगी की मदद नहीं लेगी.
छत्तीसगढ़ के लोगों के वोट EVM में बंद है. लेकिन छत्तीसगढ़ पर कुछ वक्त पहले के सट्टा भाव में बीजेपी को 90 सीटों में 43-45 और कांग्रेस के 38-40 सीट मिलने का अनुमान था. लेकिन ताजा सट्टा भाव में दोनों की सीटें बराबर मिलने का अनुमान है.
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में वोटिंग खत्म हो चुकी है अब सबकी नजर राजस्थान की तरफ हैं जहां 7 दिसंबर को वोटिंग हैं. जहां ज्यादातर अनुमानों के मुताबिक कांग्रेस की सरकार बनने का अनुमान है.
एक अनुमान के मुताबिक मौजूदा विधानसभा चुनावों पर करीब 20 हजार करोड़ का सट्टा लगा हुआ है. लेकिन चुनाव में जीतने के साथ सट्टा जीतने वालों का फैसला भी 11 दिसंबर को ही होगा.
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