ADVERTISEMENTREMOVE AD

BJP पर भड़की शिवसेना, कहा- नोटबंदी से किसानों को लागत भी नहीं मिली

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा कि किसान वोट बैंक नहीं हैं

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में मोदी सरकार की किसानों के मुद्दे पर नोटबंदी के फैसले की आलोचना की है. शिवसेना ने सामना के एडिटोरियल में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि उसने ‘नोटबंदी का चाबुक’ चलाकर कर्ज में दबे किसानों को बर्बादी की ओर धकेला दिया. इससे किसानों के खेत भी तबाह हो गए.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सरकार भूल गई अपना वादा

शिवसेना ने किसानों के प्रति केंद्र सरकार के रवैये पर निशाना साधा है. शिवसेना ने कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र के विकास के वादे के साथ सत्ता में आई थी, लेकिन आज वह इस क्षेत्र को टैक्स लगाने के नाम पर डराती रहती है.

कई साल बाद पिछले साल का मानसून किसानों के लिए उम्मीदें लेकर आया था और पैदावर भी अच्छी हुई थी. लेकिन नोटबंदी के चाबुक ने उन्हें अपनी फसलों को मिट्टी के भाव बेचने पर विवश कर दिया. उन्हें अपनी लागत भी नहीं मिल पाई और नतीजा यह हुआ कि कर्ज में दबे किसान भारी घाटे में डूब गए.
सामना

वोटबैंक नहीं हैं किसान

शिवसेना ने अपने एडिटोरियल में कहा है कि यदि आपके पास पैसा है, तो आप चांद पर हो रहा चुनाव भी जीत सकते हैं.

चुनाव जीतने का यह मतलब नहीं है कि जनता आपकी नौकर है. किसानों की भावनाओं को समझने के लिए जरूरी है कि यह समझ लिया जाए कि वे सिर्फ वोटबैंक नहीं हैं.
सामना
ADVERTISEMENTREMOVE AD

शिवसेना ने सामना में लिखा है कि जब बीजेपी चुनाव में ‘सैंकड़ों करोड़’ रूपये खर्च कर सकती है, तो फिर वह किसानों का कर्ज माफ करने में क्यों हिचकिचा रही है? तीन साल बीत गए लेकिन क्या ‘अच्छे दिनों’ के वादे पूरे किये गए?’

यह एडिटोरियल ऐसे समय पर आया है जब महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों के किसान कर्जमाफी के लिए आंदोलन कर रहे हैं.

- इनपुट भाषा से

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×