आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे की मांग के मुद्दे पर टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है. कांग्रेस और कुछ अन्य दलों ने टीडीपी के इस प्रस्ताव को सपोर्ट करने की हामी भरी है. आशंका ये भी जताई जा रही थी कि बीजेपी की सहयोगी शिवसेना भी इस प्रस्ताव का समर्थन कर सकती है. लेकिन पार्टी की तरफ से अब संकेत दिया गया है कि शिवसेना इस प्रस्ताव का सपोर्ट नहीं करेगी.
क्विंट से विशेष बातचीत में शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि उनकी पार्टी इस अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में नहीं है.
“टीडीपी का मोदी सरकार के खिलाफ लाया जा रहा अविश्वास प्रस्ताव एक अपरिपक्व फैसला है. इससे मोदी सरकार को कोई खतरा नहीं है. वह अपना कार्यकाल पूरा करेगी. शिवसेना इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट नहीं करेगी.”संजय राउत, नेता, शिवसेना
बीजेपी के लिए राहत
बीजेपी और उसकी सहयोगी शिवसेना के बीच रिश्ते पिछले कुछ समय से ठीक नहीं है. 2019 में होनेवाले लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने अलग से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव पर टीडीपी का साथ नहीं देने का शिवसेना का फैसला बीजेपी के लिए राहत भरी खबर हो सकती है.
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हालांकि शिवसेना नेता राउत ने बीजेपी पर करारा हमला करते हुए एक बार फिर से दोहराया कि 2019 के आम चुनाव में बीजेपी की सीटें 110-120 तक सिमट जाएगी.
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश
शुक्रवार को लोकसभा में वाईएसआर कांग्रेस के वाई. वी. सुब्बारेड्डी और टीडीपी के टी. नरसिंहन ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. हालांकि सदन में व्यवस्था नहीं होने के कारण इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका. कांग्रेस, एआईएमआईएम के अलावा ममता बनर्जी की टीएमसी ने भी इस प्रस्ताव के समर्थन करने की बात कही है.
टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि केंद्र के वादे अभी तक पूरे नहीं हुए. ऐसे में राज्य हित के लिए एनडीए से अलग होने और सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया.
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