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चिंतन शिविर: सोनिया गांधी बोलीं, "कांग्रेस ने बहुत दिया,अब कर्ज उतारने की जरूरत"

सोनिया गांधी ने Chintan Shivir में सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है.

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राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस पार्टी की चिंतन शिविर (Chintan Shivir) में कांग्रेस (congress) की अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने अपने शुरुआती भाषण में बीजेपी और आरएसएस को घेरने के साथ-साथ अपनी पार्टी में सुधार की जरूरत पर भी जोर दिया.

सोनिया गांधी ने कहा, "BJP और RSS की नीतियों के कारण देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है, उसपर विचार करने के लिए ये शिविर एक बहुत अच्छा अवसर है. ये देश के मुद्दों पर चिंतन और पार्टी के सामने समस्याओं पर आत्मचिंतन दोनों ही है."

सोनिया गांधी ने पार्टी में सुधार की बात करते हुए कहा कि पार्टी ने हमें बहुच कुछ दिया है अब कर्ज उतारने का वक्त है. सोनिया ने कहा,

"हम विशाल प्रयासों से ही बदलाव ला सकते हैं, हमे निजी अपेक्षा को संगठन की जरूरतों के अधीन रखना होगा. पार्टी ने बहुत दिया है. अब कर्ज उतारने की जरूरत है. एक बार फिर से साहस का परिचय देने की जरूरत है. हर संगठन को जीवित रहने के लिए परिवर्तन लाने की जरूरत होती है. हमें सुधारों की सख्त जरुरत है. ये सबसे बुनयादी मुद्दा है."

सोनिया गांधी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है. साथ ही मीडिया का एक तबका झूठ फैला रहा है.

सोनिया गांधी कहा,

ऐसा माहौल पैदा किया गया है कि लोग लगातार डर और असुरक्षा के भाव में रहें. अल्पसंख्यकों को शातिर तरीके से क्रूरता के साथ निशाना बनाया जा रहा है. अल्पसंख्यक हमारे समाज का अभिन्न अंग हैं और हमारे देश के समान नागरिक हैं.

सोनिया गांधी ने चिंतन शिविर को लेकर कहा कि जब हम इस शिविर से निकलेंगे तो एक नए आत्माविश्वास एक नई ऊर्जा के साथ और एक नई प्रतिबद्धता से प्रेरित होकर निकलेंगे निकलेंगे.

पीएम मोदी और बीजेपी पर सोनिया गांधी ने दागा सवाल

सोनिया गांधी ने कहा, अब तक यह पूरी तरह से और दर्दनाक रूप से स्पष्ट हो गया है कि पीएम मोदी और उनके सहयोगियों का वास्तव में उनके नारे 'अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार' से क्या मतलब है? इसका अर्थ है कि देश को ध्रुवीकरण की स्थायी स्थिति में रखना, लोगों को लगातार भय और असुरक्षा की स्थिति में रहने के लिए मजबूर करना, अल्पसंख्यकों को शातिर तरीके से निशाना बनाना और उन पर अत्याचार करना जो हमारे समाज का अभिन्न अंग हैं और हमारे देश के समान नागरिक हैं.

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