यूपीए चीफ सोनिया गांधी ने कहा है कि भविष्य में कांग्रेस का नेतृत्व पार्टी के बाहर का व्यक्ति भी कर सकता है. उन्होंने कहा कि 2004 में वह पीएम बनने के लिए ज्यादा मजबूत स्थिति में थीं लेकिन उन्होंने मनमोहन सिंह को चुना.
‘सिर्फ कांग्रेस में ही नहीं वंशवाद’
उन्होंने कहा ऐसा भविष्य में भी संभव हो सकता है. गांधी-नेहरू परिवार से बाहर के शख्स को भी प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है. सोनिया गांधी ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कहा कि कांग्रेस के अंदर यह परंपरा रही है कि नेता का चुनाव लोकतांत्रिक ढंग से होता है. राजनीति में वंशवाद के सवाल पर उन्होंने कहा कि अमेरिका में यह भी है. बुश परिवार और क्लिंटन परिवार के बारे में यह कहा जा सकता है. उन्होंने कहा कि कि भारत में भी कई राज्यों में वंशवाद की राजनीति चल रही है.
सोनिया ने जब यह पूछा गया कि क्या वह कांग्रेस को एकजुट रखने में सिर्फ उन्हीं की भूमिका है तो उन्होंने कहा यह काफी कठिन सवाल है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कई नेता है आप उनसे इस सवाल का जवाब पूछ सकते हैं.
सोनिया ने कहा कि यह गलत धारणा है कि यूपीए सरकार के दौरान वास्तविक शक्ति उनके हाथ में केंद्रित थी. मनमोहन सिंह सिर्फ नाम के पीएम थे. उन्होंने कहा कि ऐसी कोई स्थिति नहीं थी.
जब उनसे पूछा गया कि 2004 में मनमोहन की जीत के बाद मनमोहन पीएम क्यों बने. इस पर उन्होंने कहा कि उन्हें लगा कि मनमोहन उनसे बेहतर पीएम शामिल होंगे.
सोनिया ने कहा, उन्होंने राजनीति में उतरने का फैसला तब किया, जब देखा कि कांग्रेस बेहद बुरे दौर से गुजर रही है. कुछ लोग कांग्रेस छोड़ रहे थे. अगर मैंने उस समय कदम नहीं उठाया होता तो मेरी गिनती कायरों में होती. सोनिया ने कहा कि उस दौर में कांग्रेस को एकजुट और मजबूत बनाने के लिए मेरी भूमिका जरूरी थी.
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