पीएम मोदी और अमित शाह को आदर्श संहिता के उल्लंघन के मामले में चुनाव आयोग ने क्लीन चिट दी थी. चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ महिला कांग्रेस की अध्यक्ष ने सुष्मिता देव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने ये कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि चुनाव आयोग आदर्श संहिता के उल्लंघन के मामले में फैसला ले चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर आपको चुनाव आयोग के फैसले पर कोई भी आपत्ति है तो फिर से नई याचिका दायर की जा सकती है.
वहीं चुनाव आयोग ने अपने जवाब में कहा था कि हमारे पास जो शिकायत आई थी वह कांग्रेस के नाम से आई थी, सुष्मिता देव के नाम से नहीं आई थी.
क्या था सुष्मिता देव का दावा?
पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर कथित आचार संहिता उल्लंघन में क्लीन चिट मिलने को लेकर दाखिल की गई याचिका में कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि चुनाव आयोग यह बता पाने में विफल रहा है कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह कि ओर से दी गई हेट स्पीच रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट-1951 की धारा-123A के तहत 'भ्रष्ट आचरण' है.
कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से दोनों नेताओं के खिलाफ की गई हेट स्पीच को लेकर दी गई शिकायतों पर बिना किसी दबाव के निर्णय लेने के लिए चुनाव आयोग को निर्देशित करने की मांग की थी.
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