उत्तर प्रदेश चुनाव में कई ऐसे नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा है जिनके जीतने की पूरी उम्मीद थी. बीजेपी, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के इन खास चेहरों पर पार्टी को भी भरोसा था लेकिन नतीजों ने इस भरोसे को हिला कर रख दिया.
बीजेपी के इन चेहरों को मिली हार
बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी को हार का मुंह देखना पड़ा है. मेरठ शहर सीट से बीएसपी के रशीद अंसारी ने करीब 25 हजार वोटों से लक्ष्मीकांत को हराया.
कैराना से सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को समाजवादी पार्टी के नाहिद हसन ने हरा दिया है. पलायन के मुद्दे को उठाकर चर्चा में आए हुकुम सिंह का नाम बेटी के काम नहीं आया.
समाजवादी पार्टी में हारने वालों की तो पूरी लिस्ट है
- उत्तर प्रदेश के इन चुनावों में सबसे बड़ा नुकसान समाजवादी पार्टी और अखिलेश को हुआ है. एसपी को महज 47 सीटों से संतोष करना पड़ा है. हाल यह है कि अखिलेश सरकार के ज्यादातर मंत्री अपनी सीट बचाने में नाकामयाब साबित हुए हैं. बाराबंकी सीट से मंत्री अरविंद सिंह गोप को हार मिली है.
‘गोप’ अखिलेश यादव के बेहद करीबी हैं. मुलायम परिवार में झगड़े की एक वजह ‘गोप’ को भी बताया गया था. ऐसे में ‘गोप’ की हार से अखिलेश को तगड़ा झटका लगा है.
-अमेठी सीट पर बीजेपी की गरिमा सिंह ने गायत्री प्रजापति को करीब साढ़े चार हजार वोटों से हरा दिया है. प्रजापति अखिलेश सरकार में मंत्री रहे हैं और गैंगरेप के आरोपी हैं.
- यादव परिवार की छोटी बहू अपर्णा यादव भी सीट बचाने में नाकामयाब रही हैं. बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी ने अपर्णा को करीबी 33 हजार वोटों से हराया.
कांग्रेस की लुटिया डूबी
कांग्रेस को अपनी 105 सीटों में से महज 7 सीटों पर ही जीत मिली है. वाराणसी की पिंडारा सीट पर कांग्रेस के अजय राय को मात मिली. अजय राय लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं.
- यूपी की तिलहर सीट से कांग्रेसी दिग्गज कुंवर जितिन प्रसाद को बीजेपी के रोशनलाल वर्मा ने हराया.
बीएसपी की जमीन खिसकी
मायावती की पार्टी बीएसपी को महज 19 सीटें हासिल हुई हैं. जाहिर है कि बीएसपी के क्या बड़े क्या छोटे ज्यादातर नेताओं को हार का सामना करना पड़ा है.
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