विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अपने चार दिवसीय चीन दौरे के लिए शनिवार को बीजिंग पहुंच गईं हैं. चीन में होने जा रही शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की मंत्री स्तरीय बैठक के दौरान सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पाकिस्तानी समकक्षों के साथ कोई द्विपक्षीय मुलाकात नहीं करेंगी.
वांग यी को पिछले महीने स्टेट काउंसलर के पद पर पदोन्नत किए जाने के बाद उनकी यह पहली बैठक होगी. वांग इस पदोन्नति के साथ चीन में शीर्ष राजनयिक हो गए हैं. वह विदेश मंत्री के पद पर भी बने रहेंगे.
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, सुषमा 24 अप्रैल को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगी. उसी दिन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में शामिल होंगी. मंत्रीस्तरीय बैठकों में क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी लड़ाई सहित कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है.
इसी साल जून में चीन के किंगदाओ शहर में प्रस्तावित एससीओ शिखर बैठक की तैयारियों के तहत ये मंत्री स्तरीय बैठक हो रही है.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष अधिकारी यांग जियेची के बीच शंघाई में हुई हालिया बैठक के बाद सुषमा और वांग की बैठक हो रही है. आधिकारिक, सूत्रों ने यहां बताया कि यह बैठक संबंधों को बेहतर करने के लिए उच्च स्तरीय वार्ता की गति बढ़ाने के लिए दोनों देशों की कोशिशों का हिस्सा है.
पठानकोट आतंकी हमले और सितंबर, में जम्मू- कश्मीर के उरी में हुए आतंकवादी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते तनावपूर्ण चल रहे हैं. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा था कि एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
भारत और चीन डोकलाम में 73 दिनों तक चले सैन्य गतिरोध के बाद अपने संबंधों को सुधारने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं इसलिए दोनों देशों ने तनाव कम करने के लिए वार्ता बढ़ा दी है.
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