बिहार की राजनीति में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में चल रही खींचतान किसी से छिपी नहीं है. दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव से पहले अब ये मनमुटाव सोशल मीडिया पर भी खुलकर सामने आ रहा है. हाल ही में जब उपचुनाव के लिए आरजेडी ने स्टार प्रचारकों की सूची जारी की तो उससे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) का नाम गायब था. जिससे वो आगबबूला हो गए और मां राबड़ी देवी (Rabri Devi) और बहन मीसा (Misa Bharti) के सहारे तेजस्वी यादव पर खूब निशाना साधा.
अब उन्होंने एक बार फिर ट्वीट करके तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव (sanjay Yadav) को निशाने पर लिया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि संजय यादव कह रहे हैं कि तेजप्रताप मेरे लिए प्रचार करेंगे और पार्टी कहती है कि संजय यादव ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है.
तेज प्रताप ने आगे लिखा है कि, ना मैंने कुछ कहा, ना लिखा तो इसमें मेरा क्या रोल था या है? उन्होंने यहां तक लिख दिया कि हरियाणवी स्क्रिप्ट राइटर तुम ये फालतू की सी-ग्रेड कहानी कहीं और लिखना, बिहारी सब समझते हैं.
तेज प्रताप यादव की संजय यादव से अदावत नई नहीं है, वो पहले भी कई बार संजय यादव को निशाने पर लेते रहे हैं, तो आखिर ये संजय यादव कौन हैं जो दो भाइयों के झगड़े में इतने महत्वपूर्ण हैं.
कौन हैं संजय यादव ?
लालू यादव की एक बेटी की शादी हरियाणा में हुई है. उसी की तरफ से संजय यादव, लालू यादव के रिश्तेदार हैं. लेकिन इससे भी बढ़कर वो तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार हैं, दरअसल तेजस्वी से संजय की मुलाकात 2010 में दिल्ली में हुई थी. तेजस्वी यादव संजय के काम से प्रभावित हुए, और उन्हें अपना राजनीतिक सलाहकार बना लिया. लेकिन तेज प्रताप यादव को संजय यादव कभी पसंद नहीं आये.
तेज प्रताप नाराज क्यों हैं?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसी साल अगस्त में तेज प्रताप यादव ने आरजेडी के छात्रसंघ का अध्यक्ष आकाश यादव को नियुक्त किया था. बताया जात है कि इस नियुक्ति के बारे में तेजप्रताप ने ना तो तेजस्वी यादव को बताया और ना ही प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagada Nand Singh) से कोई बात की. इसके बाद जगदानंद सिंह ने आकाश यादव को तुरंत हटाकर छात्र नेता गगन कुमार को छात्र आरजेडी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया. इसके बाद ही तेज प्रताप यादव ने जगदानंद और तेजस्वी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
इसके बाद लालू यादव (lalu yadav) को लेकर भी तेज प्रताप यादव ने सवाल उठाये थे, उन्होंने कहा था कि लालू यादव को दिल्ली में बंधक बनाकर रखा गया है.
तेजस्वी और तेज प्रताप की इस खींचतान पर बीजेपी (BJP) नेता निखिल आनंद (Nikhil Anand) ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि लालू चाचा- राबड़ी चाची के शासनकाल में लोगों के शोषण- दोहन करने के लिए साधु गुट- सुभाष गुट बना हुआ था. उसी तर्ज पर तेजस्वी और तेज प्रताप गुट भी राजद के नेताओं- समर्थकों के बीच ग्रुप- ग्रुप का खेल रचके पारिवारिक हित साधने में लगे हैं. हकीकत में सब एक हो, मिले हुए हो भाई.
बिहार में होने हैं उपचुनाव
बिहार में दो विधानसभा सीटों पर 30 अक्टूबर को उपचुनाव होने हैं. इससे पहले आरजेडी की ये लड़ाई उन्हें नुकसान पहुंचा सकती है, क्योंकि महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने भी आरजेडी के सामने अपने उम्मीदवार उतारे हैं. जिससे गठबंधन में भी सबकुछ ठीक है या नहीं इस पर भी सवालिया निशान है.
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