कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद वहां उठे सियासी तूफान का असर अब बिहार में भी दिखने लगा है. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा में सबसे ज्यादा सीटों का हवाला देते हुए सरकार बनाने का दावा पेश किया.
आरजेडी नेता ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात कर एक पत्र सौंपा है. इसमें आरजेडी के साथ कांग्रेस और सीपीआई (एम) ने दावा किया है कि आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है, और उसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए.
“हम राज्यपाल के सामने अपना बहुमत साबित करने जा रहे हैं. हम सरकार बनाने का दावा करते हैं. हमारे पास कई पार्टियों और विधायकों का समर्थन है. चलो देखते हैं कि क्या होता है.”तेजस्वी यादव, आरजेडी
कर्नाटक में सरकार गठन पर सवाल
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी ने कहा कि बिहार में आरजेडी न केवल सबसे बड़ी पार्टी है बल्कि जेडीयू के बाहर चले जाने के बाद भी कांग्रेस और आरजेडी का चुनाव से पहले का सबसे बड़ा गठबंधन है. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद उन्हें सरकार बनाने के लिए क्यों नहीं बुलाया गया.
तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर कर्नाटक में सबसे बड़े दल को सरकार बनाने का न्योता दिया गया, तो बिहार में उसी तर्ज पर सरकार बनाने का न्योता आरजेडी को मिलना चाहिए.
बिहार का सियासी संग्राम
बता दें कि 2015 में विधानसभा चुनाव हुए थे. जिसमें कांग्रेस, नीतीश कुमार की जेडीयू और लालू यादव की आरजेडी ने मिल कर महागठबंधन बनाया था.
चुनाव में आरजेडी को सबसे ज्यादा 80 सीटें मिली थीं. वहीं जेडीयू को 71. और कांग्रेस को 27 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. वहीं बीजेपी के खाते में सिर्फ 53 सीटें ही गई थी. जिसके बाद महाठबंधन ने सरकार बनाई थी.लेकिन 20 महीने में ही जेडीयू और आरजेडी अलग हो गई.
बाद में नीतीश कुमार के नेतृत्व में जेडीयू और बीजेपी ने मिलकर राज्य में सरकार बना ली. तेजस्वी यादव ने कर्नाटक में बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किए जाने पर सवाल उठाया. साथ ही बीजेपी को संविधान के बदलने की इच्छा रखने वाली पार्टी बताते हुए सभी गैर बीजेपी दलों को एकजुट होने की अपील की.
ये भी पढ़ें- लालू के दोनों लाल, तेजस्वी-तेजप्रताप बने ‘Desi boys’
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)