ADVERTISEMENTREMOVE AD

तेलंगानाः राजनीतिक बिसात पर KCR की नई चाल, 4 महीने पहले टिकट बंटवारे के मायने क्या?

Telangana Elections 2023: KCR ने नया दांव खेलकर बीजेपी और कांग्रेस को क्या संदेश दिया है?

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

तेलंगाना (Telangana) में संभावित रूप से नवंबर में चुनाव होने हैं, तारीखों का अभी कोई ऐलान नहीं हुआ, लेकिन मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने अपनी टीम यानी BRS की तरफ से लगभग 4 महीने पहले ही उम्मीदवारों का ऐलान करके 'माइंड गेम' खेल दिया है.

KCR की भारत राष्ट्र समिति ने चुनावों के लिए 115 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. खास बात है कि लिस्ट में सिर्फ 7 लोगों का टिकट कटा, बाकी सब पुराने चेहरे हैं. इसके अलावा 6 नए चेहरों को जगह मिली है, लेकिन चुनावों से इतना पहले ही उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करके KCR ने क्या मैसेज देने की कोशिश की है, आइए समझते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

साफ संदेश- 'हैं तैयार हम'

KCR सबसे पहले ये बताना चाहते हैं कि वे चुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. ज्यादातर पुराने विधायकों को टिकट देने का मतलब है कि उनके अंदर कोई कन्फ्यूजन नहीं है. विधायकों को अब ज्यादा समय मिलेगा. वे काफी समय पहले से अपने चुनाव क्षेत्रों में जाकर प्रचार कर पाएंगे.

KCR ने अपने इंटरनल फीडबैक और सर्वे के आधार पर ज्यादातर विधायकों को तीसरी बार टिकट दिया है. 2018 में जीतकर आए उम्मीदवारों पर भरोसा दिखाने का मतलब है कि उन्हें अपने काम पर भरोसा है, अपनों को साथ लेकर चलने की इच्छा है और चेहरे बदलने की कोई मजबूरी नहीं है, यानी पार्टी में भी सब सामान्य है.

2018 में हुए विधानसभा चुनावों में BRS ने 63 सिटिंग MLAs में से 14 के टिकट काटे थे. इसमें 4 कैबिनेट मंत्री और विधानसभा स्पीकर का भी टिकट कटा था. इस बार KCR ज्यादा रिस्क लेने के मूड में नहीं हैं.

कांग्रेस के पास क्या मौका?

कांग्रेस अभी चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित करने के आस-पास

भी नहीं है. कांग्रेस अभी भी उम्मीदवारों से आवेदन मंगाने की प्रक्रिया में है. आवेदनों की पहले प्रदेश स्क्रीनिंग कमेटी जांच करेगी, फिर इसे केंद्रीय चुनाव समिति को भेजा जाएगा और लास्ट में सूची जारी होने से पहले कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की मंजूरी मिलेगी. यानी प्रक्रिया लंबी है.

दूसरी तरफ KCR को कोई टक्कर दे सकता है तो कांग्रेस ही है, लेकिन अपने विधायकों की लिस्ट पहले जारी करके उन्होंने कांग्रेस के 'प्रेक्टिस सेशन' को छोटा कर दिया है.

हालांकि यहां से कांग्रेस चाहे तो अब उन नामों की तलाश कर सकती है जिन्हें टिकट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन नहीं मिला. इस बात की भी संभावना कम है कि कांग्रेस एक बार में अपने सभी विधायकों कि लिस्ट जारी करेगी, जैसा BRS ने किया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बीजेपी के लिए रास्ते बंद कर दिए

बीजेपी के लिए समस्या दूसरी है. बीजेपी तीसरे नंबर पर है. पार्टी का पहले से काडर उतना मजबूत नहीं है, जितना उत्तर भारत के राज्यों में. ऊपर से कर्नाटक की हार से पार्टी को दक्षिण में बड़ा झटका लगा है.

यदि KCR ज्यादा विधायकों का टिकट काटते तो हो सकता था कि नाराज चेहरे बीजेपी या कांग्रेस की तरफ जाते, लेकिन KCR के माइंड-गेम ने इस संभावना को खारिज कर दिया है.

इसमें ज्यादा समस्या बीजेपी के लिए होगी, क्योंकि कांग्रेस के मुकाबले इनका काडर राज्य में ज्यादा कमजोर है और उन्हें सभी 119 सीटों के लिए चेहरों की तलाश है. बीजेपी को एक बार फिर अपने स्टार प्रचारकों पर निर्भर रहना होगा. कांग्रेस की तरह बीजेपी भी उन नामों की तरफ जा सकती है, जिन्होंने BRS के लिए अपने-अपने क्षेत्र में अच्छा काम किया, लेकिन टिकट न मिलने से मन में कोई कसक हो.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अपने काम और चेहरे पर भरोसा

सर्वे में ये बात सामने आई है कि KCR तेलंगाना में मुख्यमंत्री चेहरे के लिए लोगों की पहली पसंद हैं. ऐसे में अगर विधायकों के खिलाफ एंटी-इनकमबैंसी की स्थिती होती भी है तो KCR का चेहरा उसे बचा सकता है.

दूसरा ये कि KCR ने अपने काम के नाम पर वोट मांगने का मन बनाया है. वे कई बार राज्य की आर्थिक सेहत में सुधार का दावा करते देखे गए हैं. इसके अलावा कई जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर वे लोगों के बीच पहुंचेंगे. किसानों के लिए रायथु बंधु और रायथु बीमा, अनुसूचित जाति के लिए दलित बंधु, बैकवर्ड कास्ट के लिए BC बंधु और बुजुर्गों, विधवाओं, विकलांगों, वंचित वर्गों के लिए पेंशन जैसी योजनाओं के प्रचार के लिए KCR के पास अब काफी समय है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

असंतोष को भांप पाने का समय

BRS ने स्पष्ट किया है कि उनके पास इतना समय है कि अगर कहीं असंतोष पैदा होता है तो उसे भी समय रहते निपटाया जा सकता है. अगर कोई नेती किसी दूसरी पार्टी की तरफ झुकाव दिखाता है तो उसे समय रहते बाहर किया जा सकता है ताकि ज्यादा नुकसान न हो.

KCR ने कहा है, "हमारा अनुमान है कि हम 95-105 सीटें जीतेंगे. सिर्फ विधायक ही नहीं, सांसद की सीटें भी. हम 17 (लोकसभा) सीटें जीतना चाहते हैं."

कुल मिलाकर कहें तो तेलंगाना की रेस में BRS ने दौड़ लगानी शुरू कर दी है, लेकिन बीजेपी-कांग्रेस अभी स्टार्टिंग लाइन तक भी नहीं पहुंच पाए हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×