केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने गुरुवार को कहा कि गाय की पूजा को केवल धार्मिक कारणों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए, क्योंकि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है.
कृषि मंत्री राजधानी दिल्ली में एक किताब के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे.
आज भी कोई ग्रामीण परिवार जो गाय पालता है, कभी भूख से नहीं मरता. गाय की पूजा को धार्मिकता से जोड़ना गलत है. धार्मिक भावना अपनी जगह है, इसकी इज्जत की जानी चाहिए, लेकिन गाय पालने की आदत को ग्रामीण भारत के अर्थव्यवस्था के एक अंग के रूप में देखना चाहिए.केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह
उन्होंने कहा, “ग्रामीण भारत में किए गए कई सारे अध्ययनों और अनुभवों से यह पता चला है कि जब गाय दूध देना बंद कर देती है, तो भी गोबर और मूत्र के रूप में आर्थिक रूप से मदद करती है, क्योंकि इनका इस्तेमाल दवाइयों और अन्य उत्पादों के निर्माण में होता है.”
‘कामधेनुः भारतीय गायें’ नाम की यह किताब प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रजनी सेखरी सिब्बल ने लिखी है, जो वर्तमान में हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव हैं. इस किताब का प्रकाशन विज्डम ट्री ने किया है.
इस मौके पर पूर्व निर्वाचन आयुक्त एस.वाई. कुरैशी और नीति आयोग के सदस्य विवेक देबरॉय भी मौजूद थे.
इस किताब को देश के विविधतापूर्ण अनुवांशिक पशु संसाधनों पर लिखी गई पहली कॉफी टेबल बुक के रूप में पेश किया गया है.
-इनपुट भाषा से
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