उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने फोन पर अधिकारियों को गाली देने और धमकाने वाले दर्जा प्राप्त मंत्री कुलदीप उज्ज्वल को बर्खास्त कर दिया है.
राज्य मद्य निषेध परिषद के अध्यक्ष कुलदीप उज्ज्वल ने जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) को फोन कर खुद उन्हें, डीएम और सीडीओ को गाली और धमकी दी थी.
कुलदीप उज्ज्वल ने पूरे जिले के प्रशासनिक सिस्टम को भ्रष्टाचार में लिप्त बता दिया. वह अपनी ही सरकार में अपने कहे अनुसार ग्राम सचिव पद पर दो लोगों की नियुक्ति और ट्रांसफर न होने से गुस्साए हुए थे.
क्या है मामला?
कुलदीप ने डीपीआरओ सर्वेश कुमार पांडेय को करीब चार दिन पहले रात 11 बजे फोन किया था. उन्होंने डीपीआरओ से बात करके धमकाया.
डीपीआरओ साहब! आपने आजतक मेरा असली रूप नहीं देखा. सोमवार को आ रहा हूं कलक्ट्रेट में. मैं स्टूडेंट लीडर रहा हूं. यूनिवर्सिटी का प्रेसिडेंट रहा हूं. तुम सब लोगों को तुम्हें, सीडीओ को, डीएम को असलियत बताऊंगा. तुम कर क्या रहे हो.कुलदीप उज्ज्वल
उन्होंने आगे कहा, “मेरे पास सब लोगों का कच्चा चिट्ठा है. शर्म नहीं आई तुम लोगों को मैं सपा कैंडिडेट हूं, दो लोगों के लिए कहा है केवल. एक मेरे गांव का है और दूसरे के लिए छह के छह प्रधानों ने मांग की है. तुम्हें शर्म नहीं आई कि उस काम को कर देते.”
कुलदीप और डीपीआरओ की बातचीत की रिकॉर्डिंग वायरल हो गई, इसके बाद मुख्यमंत्री की ओर से यह कार्रवाई की गई है. कुलदीप बागपत विधानसभा क्षेत्र से सपा प्रत्याशी भी हैं.
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