उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के महासमर में दागियों, आपराधिक छवि वालों और करोड़पति नेताओं के प्रति राजनीतिक दलों का प्रेम कम नहीं हो रहा है. छठे चरण में 635 उम्मीदवारों में से 20 फीसदी यानी 126 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं 25 फीसदी करोड़पति चुनाव मैदान में उतरे हैं.
ये आंकड़े एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में जारी किए हैं. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के छठे चरण में पूर्वाचल के सात जिलों की 49 सीटों पर चार मार्च को चुनाव होने हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, सभी 635 प्रत्याशियों के नामांकन के समय दाखिल शपथ पत्रों के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है.
छठे चरण में 17 फीसदी प्रत्याशियों पर हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और महिला हिंसा जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं.
छठे चरण के उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 1.58 करोड़ रुपये है. इस चरण में भी महज नौ फीसदी महिला प्रत्याशी मैदान में हैं. छठे चरण में सात जिलों आजमगढ़, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर, महराजगंज और मऊ की 49 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है.
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, गंभीर अपराधियों को टिकट देने के मामले में बीएसपी 41 फीसदी के साथ सबसे आगे है. वहीं करोड़पतियों को टिकट देने के मामले में बीजेपी अव्वल रही है. वहीं बीएसपी व एसपी भी उससे ज्यादा पीछे नही हैं. छठे चरण के प्रत्याशियों में टॉप तीन अमीर बीएसपी के टिकट पर ही लड़ रहे हैं.
नामांकन के समय दिए गए शपथपत्र के मुताबिक, छठे चरण के सभी प्रत्याशियों में सबसे अमीर आजमगढ़ जिले की मुबारकपुर सीट से बीएसपी के शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली 118 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ हैं, जबकि चिल्लूपार से बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे विनयशंकर तिवारी के पास कुल 67 करोड़ की संपत्ति है.
तीसरे सबसे अमीर प्रत्याशी नौतनवां, महराजगंज के बीएसपी प्रत्याशी एजाज अहमद हैं जिनकी कुल संपत्ति 52 करोड़ रुपये है. वहीं मऊ के बीएसपी प्रत्याशी मुख्तार अंसारी पर सबसे ज्यादा छह करोड़ का तो मुबारकपुर के बीएसपी प्रत्याशी गुड्डू जमाली पर दो करोड़ का कर्ज है.
जहां तक शैक्षिक योग्यता का सवाल है, छठे चरण में मैदान में उतरे 53 फीसदी प्रत्याशी स्नातक या इससे ऊपर की शिक्षा प्राप्त है. इसके अलावा छठे चरण का चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशियों में 67 फीसदी की आयु 25 से 50 साल के बीच है.
इस चरण में दागी निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या भी बढ़ गई है. इस चरण में 49 फीसदी निर्वाचन क्षेत्र दागी हैं. दागी या संवेदनशील ऐसे निर्वाचन क्षेत्र हैं जहां तीन या तीन से ज्यादा प्रत्याशी दागी हैं.
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