उत्तर प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही रंगों का खेल भी शुरू हो गया है. चाहे वो सड़कों के किनारे लगी होर्डिंग्स हो या फिर सड़कों पर फर्राटा भरने वाली बसें. सत्ता परिवर्तन के साथ बस कुछ धीरे-धीरे बदलने लगा है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लखनऊ में झंडी दिखाकर भगवा रंग वाली बसों को प्रदेश की सड़कों पर दौड़ा दिया है.
लखनऊ के कालीदास मार्ग से बुधवार फिलहाल 21 बसें निकली हैं, जो गांव में रह रहे ग्रामीणों को मुख्यालय तक का सैर करायेंगी. किराया भी परिवहन विभाग की दूसरी बसों से कम होगा. इससे यूपी के ग्रामीणों को तो राहत मिलेगी ही साथ ही भगवा रंग लोगों को बीजेपी की याद दिलाता रहेगा.
50 ऐसी बसें चलाई जाएंगी
योगी सरकार की इस ‘संकल्प सेवा’ के तहत 50 बसें चलाई जाएंगी जो पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से लेकर योगी के गोरखपुर समेत सात रीजन को जोड़ेंगी. इस योजना से करीब 6 हजार गांवों के लगभग 13 लाख लोगों को फायदा मिलेगा.
यूपी में ऐसे बदलते रंगों का चलता रहा है दौर
सरकार की पहल अच्छी है, लेकिन बसों के भगवा रंग ने ये भी सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या सीएम योगी आदित्य नाथ भी अब पुरानी सरकारों के राह पर निकले चले हैं. उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की सरकार आने के साथ ही बसों का रंग लाल और हरा कर दिये गये थे. सड़कों के किनारे साइकिल ट्रैक को अखिलेश समाजवादी रंग में, रंग दिया गया था.
वहीं सपा सरकार से पहले मायावती सत्ता सरकार ने भी बसों को नीले रंग से रंगवा दिया था. वही काम अब योगी सरकार ने शुरू किया है. सड़क से कूड़ा उठना वाले वैन को भी भगवा और हरा कर दिया गया, जो ये बताने के लिए काफी है कि सरकार योजनाओं से ज्यादा पार्टी का नाम और रंग लोगों तक पहुंचाने का कोई भी मौका नही छोड़ना चाहती है.
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