सीट बंटवारे को लेकर एनडीए और नीतीश कुमार से चल रहे विवाद के बीच लोक समता पार्टी के चीफ उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी का विलय शरद यादव की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) के साथ करने की तैयारी में है. सूत्रों का कहना है कि विलय को लेकर शरद और कुशवाहा में लंबी बातचीत हुई है. बातचीत काफी आगे पहुंच चुकी है और कभी भी विलय का ऐलान हो सकता है.
उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए को अल्टीमेटम दिया है कि वह 30 नवंबर तक सीटों के बंटवारे पर फैसला किया है. हालांकि उन्होंने अपने विकल्प खुले रखे हैं. सूत्रों का कहना है कि उपेंद्र कुशवाहा विपक्षी पार्टियों के साथ अपनी पार्टी का विलय कर सकते हैं. इनमें शरद यादव की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का नाम सबसे ऊपर है.
हालांकि कुशवाहा ने अभी अपने पत्ते पूरे नहीं खोले हैं. कुशवाहा के इस रुख पर लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान को कहा कि आखिर वह एनडीए से निकलने के मामले में इतनी देर क्यों कर रहे हैं. चिराग का कहना है कि कुशवाहा दबाव की रणनीति पर चल रहे हैं. गठबंधन में रहते हुए वह सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ बोल रहे हैं. यानी दो नावों की सवारी कर रहे हैं. आप गठबंधन में रह कर सीएम के खिलाफ नहीं बोल सकते.
अपमान सह कर एनडीए में नहीं रह सकते : कुशवाहा
इससे पहले कुशवाहा ने कहा था कि वह एनडीए में हैं लेकिन अपमान सह कर नहीं रह सकते. मुंगेर के पोलो मैदान में 'हल्ला बोल-दरवाजा खोल' कार्यक्रम में उन्होंने अगले लोकसभा चुनाव के लिए राजग में सीट बंटवारे को लेकर की जा रही बातों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उनकी पार्टी इससे अपमानित महसूस कर रही है. कुशवाहा ने बीजेपी और जेडी (यू) के कुछ नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे लोग नहीं चाहते कि नरेंद्र मोदी फिर प्रधानमंत्री बनें.
कुशवाहा ने कहा, वर्ष 2014 में जब नरेंद्र मोदी का नाम प्रधानमंत्री उम्मीदवार के लिए सामने आया था, उस समय बीजेपी के एक नेता भी नरेंद्र मोदी का नाम नहीं ले रहे थे. उस समय आरएलएसपी नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की बात कही. मैं नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाना चाहता हूं.
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