16 दिसंबर को पश्चिम बंगाल विधानसभा से इस्तीफा देने वाले टीएमसी नेता सुवेंदु अधिकारी ने पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा ममता बनर्जी को सौंपते हुए कहा है कि वो पार्टी की सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे रहे हैं. पश्चिम बंगाल के सिंचाई और परिवहन मंत्री रहे सुवेंदु अधिकारी ने नवंबर में ममता बनर्जी के कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. अब खबर ये है कि आने वाले हफ्ते में गृहमंत्री अमित शाह के बंगाल दौरे के दौरान सुवेंदु अधिकारी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. बीजेपी उपाध्यक्ष और पहले सुवेंदु के सहयोगी रहे मुकुल रॉय ने इस इस्तीफे के बाद कहा है कि उन्होंने अधिकारी को कहा था कि टीएमसी छोड़ देंगे तो ज्यादा खुश रहेंगे और उनके बीजेपी में आने से पार्टी का फायदा होगा.
पश्चिम बंगाल बीजेपी की तरफ से ये भी दावा किया जा रहा है कि सिर्फ सुवेंदु ही नहीं कई दूसरे नेता भी टीएमसी को छोड़ बीजेपी में आना चाहते हैं.
इस बीच सुवेंदु अधिकारी से बुधवार को मुलाकात करने वाले विधायक जितेंद्र तिवारी ने आसनसोल म्युनिसिपल कॉरपोरेशन चीफ के पद से इस्तीफा दे दिया है, इससे पहले वो अपनी ही पार्टी की सरकार पर हमला बोल चुके हैं.
सुवेंदु अधिकारी TMC को क्यों खलेगा?
टीएमसी के लिए सुवेंदु का जाना तगड़ा झटका इसलिए है क्योंकि वो ऐसे नेताओं में से हैं, जिनकी जिनकी जमीनी स्तर पर पकड़ खासी मजबूत है. अधिकारी ने 2007 के गैर-जमीन अधिग्रहण प्रदर्शनों (जिनकी वजह से 2011 में लेफ्ट की सरकार गिरी थी), CPI(M) के गढ़ जगमहल इलाके पर कब्जे, और मालदा और मुर्शिदाबाद में TMC की मौजूदगी बढ़ाने में महत्वपूर्ण अहम भूमिका निभाई थी.
अभिषेक बनर्जी से जमती नहीं थी?
अधिकारी की नाराजगी के वजहों की जब चर्चा होती है तो कहा जाता है कि अभिषेक बनर्जी से उनकी जमती नहीं थी. अधिकारी ने नंदीग्राम की एक हालिया रैली में अभिषेक बनर्जी पर तंज भी कसा था. उन्होंने कहा था: “मैं यहां पैराशूट या एलीवेटर से नहीं पहुंचा हूं. मैं यहां एक-एक सीढ़ी चढ़कर आया हूं.”
जुलाई 2019 में अभिषेक बनर्जी सियासी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और उनकी कंसल्टेंसी फर्म I-PAC को TMC के 2021 कैंपेन चलाने के लिए राजी करने में अहम भूमिका में रहे थे. और अब पार्टी में अभिषेक और प्रशांत किशोर की धाक शायद अधिकारी को रास नहीं आ रही हो.
TMC की दबाव की रणनीति
मंत्रीपद से इस्तीफे से पहले अधिकारी ने नंदीग्राम और रामनगर में दो रैलियां की थीं. नंदीग्राम की रैली में जहां अधिकारी ने अभिषेक पर तंज कसा था, तो वहीं रामनगर में उनकी टोन कुछ नरम पड़ गई थी. इन दो रैलियों के बीच प्रशांत किशोर मिदनापुर में सुवेंदु अधिकारी के घर उनसे मुलाकात करने पहुंचे थे लेकिन किशोर उनके पिता शिशिर अधिकारी से ही मिल पाए. शिशिर TMC के साथ शुरू से जुड़े हुए हैं.
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