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जेल से निकल कर क्या कर्नाटक की जंग जीत सकेंगे डीके शिवकुमार?

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ से रिहा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डी के शिवकुमार का बेंगलुरु में जबरदस्त स्वागत 

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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा होने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डी के शिवकुमार का शनिवार दोपहर बेंगलुरु में जबरदस्त स्वागत हुआ. हवाई अड्डे के बाहर सैकड़ों कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया.

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वोक्कालिगा समुदाय के प्रभावशाली नेता शिवकुमार के आने पर समर्थकों ने उन्हें माला पहनाई और पटाखा चलाकर उनका स्वागत किया. सेब की एक माला भी उन्हें पहनाई गई. बेंगलुरू ग्रामीण, रामनगर, मंड्या और आसपास के क्षेत्र में शिवकुमार का अच्छा खासा असर है. खुली कार में सवार शिवकुमार का एक काफिला हवाई अड्डे से केपीसीसी कार्यालय पहुंचा . इस काफिले में उनके कई समर्थक भी थे .

15 सीटों के उपचुनाव में दिखेगा शिवकुमार का असर?

शिवकुमार के इस भव्य स्वागत को देखने से ऐसा लग रहा है कि उनके साथ हुए सुलूक से राज्य में वोक्कालिगा समुदाय के वोटरों में उनसे गहरी सहानुभूति है. इसका लाभ राज्य में 15 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को मिल सकता है. यहां छह हफ्ते के अंदर होने वाले इन सीटों के उपचुनाव बीजेपी सरकार का भविष्य तय कर देंगे.

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बीजेपी को कर्नाटक में बहुमत के लिए छह सीटों की जरूरत

बीजेपी को विधानसभा में बहुमत के लिए अभी भी छह सीटों की जरूरत है. हालांकि येदियुरप्पा ने कहा है कि अयोग्य घोषित हुए जेडीएस-कांग्रेस विधायकों को बीजेपी का टिकट दिया जा सकता है. लेकिन अगर डी के शिवकुमार का असर दिखा तो बीजेपी को लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है.. शिवकुमार ने कर्नाटक में राजनीतिक संकट के दौरान कांग्रेस की ओर से डट कर मोर्चा लिया था. अब वह पार्टी के सबसे विश्वस्त नेताओं में से एक बन गए हैं. इसका असर कर्नाटक के वोटरों पर भी पड़ेगा. खास कर वोक्कालिगा समुदाय के वोटरों में, जो राज्य में निर्णायक स्थिति में हैं.

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ईडी ने 3 सितंबर को मनीलॉन्ड्रिंग मामले में शिवकुमार को गिरफ्तार किया था.हाई कोरद्ट से जमानत मिलने के बाद बुधवार शाम वह तिहाड़ जेल से बाहर निकले . उनकी गिरफ्तारी के बाद रामनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, मंड्या और पुराने मैसूर के अन्य क्षेत्रों में व्यापक जोरदार प्रदर्शन हुए थे .

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