तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता के पास जिन-जिन विभागों का मंत्री पद था, उन्हें राज्य के वित्तमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम को आवंटित किए गए हैं. राजभवन से मंगलवार को जारी एक बयान में यह बात कही गई है. बयान के मुताबिक, राज्यपाल विद्यासागर राव ने संविधान के अनुच्छेद 168 के परिच्छेद-3 के तहत अब तक जो विषय-वस्तु जयललिता के अधीनस्थ थे उन्हें उनकी सलाह पर पन्नीरसेल्वम को आवंटित किया है.
जयललिता के पास लोक सेवा, भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय वन सेवा, समान्य प्रशासन, जिला राजस्व अधिकारी, पुलिस और गृह था. पन्नीरसेल्वम ही मंत्रिमंडल की बैठकों की अध्यक्षता करेंगे.
राजभवन के बयान में कहा गया है, "यह व्यवस्था मुख्यमंत्री की सलाह पर की गई है और वह तब तक यह जिम्मेदारी संभालेंगे जब तक जयललिता अपना दायित्व नहीं संभाल लेतीं. जयललिता मुख्यमंत्री बनी रहेंगी."
68 वर्षीय जयललिता को 22 सितंबर को बुखार और शरीर में पानी की कमी होने के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था. बाद में डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें अस्पताल में ज्यादा समय तक रहना होगा, क्योंकि वह संक्रमण से पीड़ित हैं और उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है, फिलहाल उन्हें कृत्रिम सहायता दी जा रही है.
आठ अक्टूबर को अस्पताल ने कहा कि उन्हें सुगमता से सांस लेने के लिए जो सहायता प्रणाली लगाई गई है, उस पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. फेफड़ों में जमा बलगम खाली करने का उपचार चल रहा है.
पार्टी ने कहा- नहीं है कार्यकारी मुख्यमंत्री की जरुरत
सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक ने प्रभारी या अस्थायी मुख्यमंत्री की जरूरत से इनकार किया है. पन्नीरसेल्वम पहले भी मुख्यमंत्री के रूप में काम कर चुके हैं, जब जयललिता को बेंगलुरू उच्च न्यायालय से भ्रष्टाचार के आरोप में दोषी करार दिए जाने के बाद पद छोड़ना पड़ा था. कर्नाटक उच्च न्यायालय से आरोपमुक्त किए जाने के बाद जयललिता फिर मुख्यमंत्री बनी थीं.
इस बीच ये खबर आ रही हैं कि प्रोफेसर रिचर्ड जिनकी देखरेख में जयललिता का इलाज हो रहा है, 13 अक्टूबर को वापस चेन्नई आएंगे और लगातार 5 दिनों तक रुकेंगे.
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