गुजरात चुनाव से पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर रोहित वेमुला की खुदकुशी का मामला उठाया है. अहमदाबाद की एक रैली में राहुल गांधी ने मोदी सरकार को रोहित की मौत का जिम्मेदार बताया है. राहुल गांधी ने कहा-
कैसे हिम्मत की रोहित वेमुला ने कि शिक्षा के लिए कॉलेज चला गया? चिठ्ठी आती है मिनिस्टर के यहां से और उसको कुचल देते हैं. रोहित वेमुला ने आत्महत्या नहीं की थी, उसकी हत्या हिंदुस्तान की सरकार ने की थी.
राहुल गांधी के इस बयान के बाद रोहित वेमुला की खुदकुशी का मामला सियासी पार्टियों के बीच मुद्दा बन सकता है.
जनवरी 2016 में रोहित ने की थी खुदकुशी
हैदराबाद यूनिवर्सिटी के रिसर्च स्कॉलर रोहित वेमुला ने 17 जनवरी 2016 को खुदकुशी की थी. इसके बाद देशभर में रोहित के समर्थन में प्रदर्शन हुए थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, रोहित और उसके तीन साथियों को यूनिवर्सिटी कैंपस में आने पर रोक लगा दी गई थी, जिसके बाद रोहित वेमुला ने खुदकुशी की थी. इस मामले में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, बंडारू दत्तात्रेय औऱ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर पर आरोप लगे थे.
रिपोर्ट में क्लीनचिट
रोहित की मौत की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई थी. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दिसंबर 2016 में जमा कर दी थी. इस साल अगस्त में रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया, जिसके मुताबिक रोहित वेमुला ने यूनियन मिनिस्टर स्मृति ईरानी, बंडारू दत्तात्रेय या यूनीवर्सिटी के वाइस चांसलर अप्पाराव के दबाव की वजह से सुसाइड नहीं की थी.
रिपोर्ट में बताया गया था-
रोहित वेमुला का सुसाइड नोट मौजूद है, उससे पता चलता है कि उसकी खुद की दिक्कतें थीं और वो दुनिया के घटनाक्रम से खुश नहीं था. उसने किसी को अपनी सुसाइड के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया. अगर वो यूनिवर्सिटी के किसी फैसले से नाराज होता तो उसका जिक्र अपने सुसाइड नोट में जरूर करता. इससे पता चलता है कि यूनीवर्सिटी में जो माहौल था वो उसकी मौत का जिम्मेदार नहीं था.
रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि रोहित एससी कैटेगरी से नहीं आता था. वह वड्डेरा समुदाय से था, जो ओबीसी कैटेगरी में आता है.
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