राज्य के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने सोमवार को कहा कि दीवार गिरने से कारण कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई। डूबने से 16 लोगों की मौत हुई, पेड़ों के गिरने 5 लोगों की मौत हुई, जबकि बिजली के खंभे गिरने एक की जान गई।
प्रशासन द्वारा आनंद, देवभूमि द्वारका, कच्छ, पोरबंदर, छोटाउदेपुर, तापी, नवसारी, वलसाड, नर्मदा और वडोदरा जिलों के कुल 10,674 नागरिकों को स्थानांतरित किया गया था, जिनमें से 6,853 घर लौट चुके हैं, जबकि लगभग 3,821 सरकार द्वारा प्रदान किए गए आश्रय गृहों में हैं।
त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य के भरूच, छोटाउदपुर, नर्मदा, सूरत, तापी, डांग, नवसारी और वलसाड जिलों में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 18 टीमें बारिश प्रभावित जिलों में बचाव कार्य में लगी हुई हैं।
मंत्री ने कहा कि एक जून से अब तक कुल 25 घरों और 11 झोपड़ियों को नुकसान पहुंचा है। राज्य में अब तक अनुमानित 272 मवेशियों की मौत हो चुकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को फोन कर राज्य के हालात का जायजा लिया। प्रधानमंत्री ने राज्य के वर्षा प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ की तैनाती समेत सभी आवश्यक मदद का आश्वासन दिया है।
--आईएएनएस
पीके/एसजीके
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