रांची (Ranchi) के ओरमांझी स्थित बिरसा जैविक उद्यान में बीते एक महीने के दौरान 7 लोमड़ियों ने बीमारी की वजह से दम तोड़ दिया है. अब यहां एक भी लोमड़ी नहीं बची है. लोमड़ी विलुप्तप्राय वन्य प्राणी है और वन्य जीव संरक्षण अधिनियम में इसे संरक्षित प्राणियों की सूची में रखा गया है.
जैविक उद्यान के निदेशक जब्बार सिंह ने कहा कि इन सभी की मौत कैनिन डिस्टेंपर नामक वायरस के चलते बीमारी से हुई है. इसके चलते इन सभी में निमोनिया, बुखार के लक्षण देखे जा रहे थे. उपचार के बावजूद इन्हें नहीं बचाया जा सका. मौत के कारणों की जांच के लिए इन सभी के सैंपल बरेली स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में भेजे गये हैं.
उद्यान में पहली लोमड़ी की मौत मार्च की शुरूआत में हुई थी. इसके बाद एक-एक कर सभी 7 लोमड़ियों ने एक जैसी बीमारी के चलते दम तोड़ दिया. पहली लोमड़ी की मौत के बाद रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय के विशेषज्ञों को सूचना दी गयी थी. ये लोमड़ियां 2004 में इस उद्यान में लाई गई थी.
उद्यान निदेशक का कहना है कि उपलब्ध संसाधनों के हिसाब से कोशिश के बावजूद बीमारी का प्रसार नहीं रोका जा सका।
बता दें,104 हेक्टेयर में फैले बिरसा जैविक उद्यान में 83 विभिन्न प्रजातियों के लगभग 1450 पशु-पक्षी हैं. यह झारखंड का सबसे बड़ा जैविक उद्यान है.
विशेषज्ञों का कहना है कि उद्यान के अन्य जानवरों में भी संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है. इससे बचाव के लिए उद्यान प्रबंधन को एहतियाती उपाय करने चाहिए. हालांकि, उद्यान के निदेशक का कहना है कि उद्यान में किटाणुशोधन अभियान चलाया गया है. जानवरों के टीकाकरण का अभियान भी जल्द चलाया जायेगा.
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