NDTV इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी संपादक रवीश कुमार ने इस्तीफा (Ravish Kumar Resigns) दे दिया है. चैनल के भीतर एक आंतरिक मेल के माध्यम से एक घोषणा में, NDTV ने कहा कि इस्तीफा तुरंत प्रभावी हो गया है.
रवीश कुमार चैनल के प्रमुख फ्लैगशिप शो हम लोग, रवीश की रिपोर्ट, देश की बात और प्राइम टाइम सहित कई कार्यक्रमों को होस्ट करते थे.
इससे एक दिन पहले नई दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड (NDTV) के अधिग्रहण के लिए अडानी समूह की खुली पेशकश के बीच, प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने 29 नवंबर से RRPR होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के बोर्ड में डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया था.
मेल में क्या लिखा है?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार NDTV ग्रुप की प्रेसिडेंट सुपर्णा सिंह ने इस मेल में लिखा है कि
“रवीश ने NDTV से इस्तीफा दे दिया है और कंपनी ने उनके इस्तीफे को तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है. रविश जितना लोगों को प्रभावित करने वाले कुछ ही पत्रकार हैं. यह उनके बारे में मिलने वाली अपार प्रतिक्रिया में दिखता है, वो भीड़ जिन्हें वे अपने इर्द-गिर्द जमा करते हैं, भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें मिले प्रतिष्ठित पुरस्कारों और पहचान में दिखता है; और उनकी हर दिन की रिपोर्ट में, जो उन लोगों के अधिकारों और जरूरतों को पूरा करता है जो सेवा से वंचित हैं. रवीश दशकों से NDTV का एक अभिन्न हिस्सा रहे हैं और उनका योगदान बहुत अधिक रहा है. हम जानते हैं कि जब वह एक नई शुरुआत कर रहे हैं, वे बेहद सफल होंगे".
रवीश की रिपोर्ट, देश की बात... ऐसे बनाया नाम
रवीश कुमार देश की आम जनता को प्रभावित करने वाले जमीनी मुद्दों की जबरदस्त कवरेज के लिए जाने जाते हैं. उन्हें दो बार रामनाथ गोयनका उत्कृष्टता और 2019 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
दिल्ली विश्वविद्यालय और IIMC के छात्र रहे रवीश कुमार 1996 से एनडीटीवी के साथ थे.
रवीश कुमार ने NDTV इंडिया के लिए हम लोग, रवीश की रिपोर्ट, देश की बात और प्राइम टाइम जैसे शो को होस्ट किया है. इस दौरान रवीश कुमार की पहचान एक निर्भीक पत्रकार के रूप में बनती गयी. 2019 में, वह रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पांचवें भारतीय पत्रकार बने.
रवीश कुमार लगातार सत्ता की नीतियों और प्रेस स्वतंत्रता पर हमलों की आलोचक की है. उन्होंने लगातार युवाओं में बेरोजगारी का मुद्दा भी उठाया है. यहां तक कि उन्होंने 'गोदी मीडिया' टर्म गढ़ा, जिसका आम तौर पर उन्होंने प्रयोग उन न्यूज चैनलों के लिए लिया जो कथित तौर पर सत्ताधारी दल के मुखपत्र माने जाते हैं.
रवीश कुमार ने हाल ही में अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)