दिल्ली में हर साल की तरह इस साल भी दम घोंटने वाले पॉल्यूशन ने दस्तक दे दी है. लेकिन इस बार पॉल्यूशन के अलावा लोग कोरोना महामारी से भी परेशान हैं. तो ऐसे में इस डबल अटैक को लेकर दिल्ली सरकार तैयारियों में जुटी है. इसी के तहत दिल्ली में ‘रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ’ अभियान की शुरुआत हुई थी. जिसे अब 2 नवंबर से सभी 272 वार्ड में भी शुरू किया जाएगा.
सरकार ने यह फैसला दिल्ली के बढ़ते पल्यूशन को देख कर लिया है , उम्मीद है कि इस अभियान का पालन करने से दिल्ली के पल्यूशन में 10 से 15 फीसदी तक की कमी आ सकती है.
सीएम ने किया था ऐलान
2 हफ्ते पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद इस अभियान का ऐलान किया था. उन्होंने बताया था कि एक करोड़ व्हीकल रजिस्टर है उनमें से 10 लाख भी अगर रेड लाइट होने पर अपनी गाड़ी बंद कर दें, तो एक्सपर्ट्स के अनुसार साल में पीएम 10 में 1.5 टन की कमी आएगी.
क्या है "रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ" कैंपेन?
- जिस ट्रैफिक सिग्नल पर हरी लाइट होने में 15 सेकेंड से अधिक का समय होगा वहां पर खड़े मार्शल ड्राइवरों से गाड़ी बन्द करने को कहेंगे.
- ये एक जागरुकता अभियान होगा और ड्राइवरों को अपने इंजन बंद नहीं करने के लिए दंडित नहीं किया जाएगा. पर्यावरण मार्शल वाहन चालकों को गुलाब सौंपेंगे और जागरूकता पैदा करने के लिए बैनर लेकर खड़े होंगे.
- अभियान के लिए लगभग 2,500 मार्शलों को रखा गया है. इन मार्शलों के साथ, दिल्ली यातायात पुलिस, दिल्ली के परिवहन विभाग के अधिकारी और स्थानीय विधायक और पार्षद भी इसमें हिस्सा लेंगे.
- इस पूरे अभियान को 100 ट्रैफिक सिग्नलों पर चलाया जाएगा.
- सरकार का अनुमान है कि अगर लोग सहयोग करते हैं और इस सामूहिक अभियान में भाग लेते हैं तो लगभग 15-20% वाहनों के प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकता है.
गोपाल राय ने की थी कैंपेन की शुरुआत
'रेड लाइन ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान दिल्ली की सभी 70 विधानसभाओं में शुरू किया जा चुका है दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इंडिया गेट के पास राजपथ क्राॅसिंग से 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान की शुरुआत की थी ,और इस मौके पर गोपाल राय ने कहा कि
प्रदूषण की समस्या सिर्फ आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार की नहीं, बल्कि सब की है, जो पार्टी और सरकार से ऊपर है.
अभियान में भाग लेने के लिए निवासियों को प्रेरित करते हुए, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने पांच साथियों, दोस्तों या परिचितों से कहे कि वे यातायात संकेतों का इंतजार करते हुए अपने वाहनों को बंद करके शहर के प्रदूषण को कम करने में अपनी भूमिका निभाएं.
दिल्ली में पॉल्यूशन को रोकने के लिए हर के लिए हर साल कुछ नए प्रयास किए जाते रहे हैं लेकिन पॉल्यूशन पर काबू अभी तक नहीं पाया जा सका है, दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में लगातार पॉल्यूशन लोगों की सांस फुलाने का काम कर रहा है.
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