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रोटोमैक के मालिक और बेटे से CBI हेडक्वार्टर में पूछताछ

सीबीआई ने रोटोमैक मालिक के एक ऑफिस और घर को सील कर दिया है.

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रोटोमैक के मालिक विक्रम कोठारी और उसके बेटे राहुल कोठारी से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के हेडक्वार्टर पर पूछताछ जारी है. सीबीआई उनसे 3,695 करोड़ रुपये के लोन का भुगतान नहीं करने के मामले में विस्तार से पूछताछ कर रही है.

सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोठारी और उसका बेटा (राहुल) अपने आप दिल्ली पहुंचे हैं. तब से उनसे पूछताछ की जा रही है.

लगातार तीसरा दिनों से सीबीआई उनसे पूछताछ कर रही है. इससे पहले एजेंसी ने उत्तर प्रदेश के कानपुर में दोनों से पूछताछ की थी.

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BOB ने दर्ज कराई थी FIR

बैंक ऑफ बड़ौदा ने भुगतान नहीं करने के मामले में कोठारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद सोमवार और मंगलवार को पेन कंपनी के मालिक के कानपुर आवास और परिसरों पर सीबीआई ने छापेमारी भी की थी.

एजेंसी ने कोठारी की पत्नी से भी पूछताछ की थी. एजेंसी ने मंगलवार को उनके लैपटॉप और मोबाइल फोन समेत कुछ समान जब्त कर लिए थे.

इन तीनों के अलावा, उनके स्टाफ और घर के नौकरों से भी पूछताछ की गई है.

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7 बैंकों से ले रखा है लोन

सीबीआई ने रविवार रात रोटोमैक पेन कंपनी के मालिक, उनकी पत्नी साधना और बेटे के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी. शिकायत में कहा गया था कि सात बैंकों के एक ग्रुप ने कानपुर की कंपनी और इसकी संबंधित कंपनियों को 2008 के बाद से कई करोड़ रुपये लोन जारी किए थे.

कोठारी रोटोमैक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं, जबकि उसकी पत्नी और बेटा कंपनी के निदेशक हैं.

सीबीआई में दर्ज एफआईआर में कहा है कि कोठारी ने सात बैंकों के एक ग्रुप से 2,919 करोड़ रुपये हासिल किए. जिसमें बैंक ऑफ इंडिया (754.77 करोड़), बैंक ऑफ बड़ौदा (456.63 करोड़), इंडियन ओवरसीज बैंक (771.07 करोड़), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (458.95 करोड़), इलाहाबाद बैंक (330.68 करोड़), बैंक ऑफ महाराष्ट्र (49.82 करोड़) और ओरियन्टल बैंक ऑफ कॉमर्स (97.47 करोड़) शामिल हैं.

इससे पहले सीबीआई ने नई दिल्ली स्थित रोटोमैक निदेशक के एक कार्यालय और आवासीय परिसर को सील कर दिया है.

(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)

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(क्विंट और बिटगिविंग ने मिलकर 8 महीने की रेप पीड़ित बच्ची के लिए एक क्राउडफंडिंग कैंपेन लॉन्च किया है. 28 जनवरी 2018 को बच्ची का रेप किया गया था. उसे हमने छुटकी नाम दिया है. जब घर में कोई नहीं था,तब 28 साल के चचेरे भाई ने ही छुटकी के साथ रेप किया. तीन  सर्जरी के बाद छुटकी को एम्स से छुट्टी मिल गई है लेकिन उसे अभी और इलाज की जरूरत है ताकि वो पूरी तरह ठीक हो सके. छुटकी के माता-पिता की आमदनी काफी कम है, साथ ही उन्होंने काम पर जाना भी फिलहाल छोड़ रखा है ताकि उसकी देखभाल कर सकें. आप छुटकी के इलाज के खर्च और उसका आने वाला कल संवारने में मदद कर सकते हैं. आपकी छोटी मदद भी बड़ी समझिए. डोनेशन के लिए यहां क्लिक करें.)

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