सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बीसीसीआई अध्यक्ष और सचिव से 2 हफ्तों में लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने संबंधित एफिडेविट जमा कराने के लिए कहा है.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जब तक लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को मान नहीं लिया जाता, तब तक बीसीसीआई की तरफ से स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन को पैसे नहीं दिए जाएंगे.
इससे पहले अदालत ने इस मामले में सोमवार को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.
इसके अलावा कोर्ट ने लोढ़ा पैनल को एक ऑडिटर रखकर बीसीसीआई के खातों की जांच कराने और उसके फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन को सीमित करने के लिए भी कहा है. कोर्ट ने आईसीसी चैयरमैन शशांक मनोहर को भी अपने आदेश के बारे में बता दिया है.
अब लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी.
क्या हैं लोढ़ा कमेटी की प्रमुख सिफारिशें
1. एक राज्य, एक वोट: पैनल के इस सुझाव के मुताबिक, एक राज्य का एक ही वोट मान्य होगा.
2. बीसीसीआई में कोई मंत्री, राजनीतिक व्यक्ति नहीं: बीसीसीआई से राजनीतिक हस्तक्षेप को खत्म करने कि लिए लोढ़ा कमेटी ने बीसीसीआई से मंत्रियों की छुट्टी करने की सिफारिश की थी.
3. अधिकतम तीन कार्यकाल: लोढ़ा पैनल के अनुसार, किसी भी पदाधिकारी को अधिकतम तीन कार्यकाल की अनुमति होनी चाहिए.
4. अधिकतम उम्र 70 साल: पैनल ने किसी भी पदाधिकारी के लिए अधिकतम उम्र सीमा 70 साल करने का सुझाव भी दिया था.
5. आईपीएल और बीसीसीआई के लिए अलग-अलग गवर्निंग बॉडी के साथ-साथ सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता देने के लिए.
इसके अलावा लोढ़ा कमेटी ने सिफारिशें लागू करवाने के लिए अध्यक्ष और सचिव को इस्तीफा देकर उनकी जगह एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त करने की सलाह भी दी थी.
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