नई दिल्ली, 31 जनवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान देश की महिलाओं की क्षमताओं को राष्ट्र के विकास से जोड़ रहा है।
उन्होंने सोमवार को कहा कि वर्ष 2016 के बाद देश में 60 हजार से अधिक स्टार्टअप्स बने हैं और इनमें से 45 प्रतिशत में कम से कम एक महिला निदेशक हैं।
उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग के 30वें स्थापना दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम को वर्चुअली संबोंधित करते हुए यह बात कही। कार्यक्रम की थीम शी द चेंज मेकर का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाना है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सदियों से भारत की ताकत छोटे स्थानीय उद्योग या एमएसएमई रही है और इन उद्योगों में महिलाओं की भूमिका पुरुषों के समान ही है।
उन्होंने कहा पुरानी सोच ने महिलाओं और उनके कौशल को घरेलू काम तक सीमित कर दिया था। देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए इस पुरानी सोच को बदलना जरूरी है। मेक इन इंडिया आज ऐसा कर रहा है। आत्मनिर्भर भारत अभियान देश के विकास के साथ महिलाओं की क्षमता को जोड़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि यह परिवर्तन दिखाई दे रहा है क्योंकि मुद्रा योजना के लगभग 70 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं। देश ने पिछले 6-7 वर्षों में महिला स्वयं सहायता समूहों की संख्या में तीन गुना वृद्धि देखी है। इसी तरह, 2016 के बाद उभरे 60,000 से अधिक स्टार्ट-अप में, 45 प्रतिशत में कम से कम एक महिला निदेशक हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नए भारत के विकास चक्र में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है और महिला आयोगों को समाज की उद्यमिता में महिलाओं की इस भूमिका को बढ़ावा देने और अधिकतम मान्यता देने के लिए काम करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, 2015 से अब तक 185 महिलाओं को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। इस साल भी विभिन्न श्रेणियों में 34 महिलाओं को सम्मानित किया गया है। यह एक रिकॉर्ड है क्योंकि महिलाओं को दिए जाने वाले इतने पुरस्कार अभूतपूर्व हैं।
श्री मोदी ने कहा कि पिछले सात वर्षों में देश की नीतियां महिलाओं के प्रति अधिक संवेदनशील हुई हैं और आज भारत उन देशों में शामिल है जहां अधिकतम मातृत्व अवकाश का प्रावधान है।
उन्होंने कहा, कम उम्र में शादी बेटियों की शिक्षा और करियर में बाधा नहीं डालती है, इसलिए बेटियों की शादी की उम्र को बढ़ाकर 21 साल करने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने सशक्तिकरण से ग्रामीण महिलाओं के विकास की बात भी की.
उन्होंने नौ करोड़ गैस कनेक्शन और शौचालय, घर की महिलाओं के नाम पर पीएम आवास योजना के पक्के (स्थायी) घर, गर्भावस्था के दौरान सहायता, जन धन खाते जैसे कार्यक्रमों को गिनाते हुए कहा जो महिलाओं को बदलते भारत और महिला सशक्तिकरण का चेहरा बनाते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, जब महिलाएं संकल्प लेती हैं, तो वे केवल उसी की दिशा निर्धारित करती हैं। इसलिए जब भी कोई सरकार महिला सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं देती है, तो महिलाओं ने ऐसे लोगों और सरकारों को बाहर कर रास्ता भी दिखा दिया है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराधों को कतई भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति के साथ काम कर रही है।
उन्होंने कहा इस संबंध में बलात्कार के जघन्य मामलों के लिए मृत्युदंड सहित सख्त कानून हैं। फास्ट ट्रैक कोर्ट हैं और पुलिस स्टेशनों में अधिक महिला हेल्प डेस्क, 24 घंटे हेल्पलाइन और साइबर अपराधों से निपटने के लिए एक पोर्टल जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।
श्री मोदी ने एनसीडब्ल्यू के स्थापना दिवस पर बधाई देते हुए कहा, 30 साल का मील का पत्थर किसी व्यक्ति या संगठन के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। यह नई जिम्मेदारियों और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का समय है।
श्री मोदी ने कहा आज बदलते भारत में महिलाओं की भूमिका का लगातार विस्तार हो रहा है। इसलिए राष्ट्रीय महिला आयोग की भूमिका का विस्तार भी समय की मांग है। देश के सभी महिला आयोगों को भी अपना दायरा बढ़ाना होगा और अपने राज्यों की महिलाओं को नई दिशा देनी होगी।
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