दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को शरजील इमाम की अंतरिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया।
शहर की कड़कड़डूमा अदालत 10 जून को याचिका पर फैसला सुनाएगी।
इमाम, जो 28 जनवरी, 2020 से न्यायिक हिरासत में हैं, देशद्रोह के मामले में राहत की मांग कर रहे थे, जो ऐतिहासिक सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आया था, जिसमें राजद्रोह के औपनिवेशिक युग के दंडात्मक प्रावधान (भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए) को रोक दिया गया था।
मामले के अनुसार, इमाम ने कथित भड़काऊ भाषण जामिया मिलिया इस्लामिया में 13 दिसंबर, 2019 को और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 16 जनवरी, 2020 को दिए थे।
इससे पहले अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने जेएनयू के पूर्व छात्र के खिलाफ दर्ज देशद्रोह मामले में जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा था।
अपनी ताजा जमानत अर्जी में इमाम ने कहा है कि चूंकि शीर्ष अदालत ने देशद्रोह की धारा को स्थगित कर दिया है, इसलिए जमानत देने के लिए उनके मामले में सुधार किया जाना चाहिए।
--आईएएनएस
एसजीके
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)