कोलंबो, 24 अप्रैल (आईएएनएस)| श्रीलंका स्थित अमेरिकी दूतावास ने कहा है कि फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) रविवार को ईस्टर के दिन हुए आत्मघाती विस्फोटों की जांच में मदद के लिए यहां मौजूद है। विस्फोटों में अबतक 359 लोगों की मौत हो चुकी हैं, और सैकड़ों अन्य घायल हैं।
श्रीलंका में अमेरिकी राजदूत अलैना टेपलिट्ज ने मंगलवार को सीएनएन की क्रिश्चियन अमनपोर को यह बयान दिया। उनका यह बयान श्रीलंका की पुलिस द्वारा मृतकों की संख्या 359 बताने के महज कुछ घंटे पहले आया।
पुलिस प्रवक्ता रुवान गुणसेकरा ने कहा कि अबतक देश के विभिन्न क्षेत्रों से 58 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने मंगलवार को हमलों की जिम्मेदारी ली थी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने गुणसेकरा के हवाले से बताया कि बुधवार तड़के कम से कम 18 और संदिग्धों को हिरासत में ले लिया गया।
उन्होंने कहा कि वारकापोला में एक घर से पुलिस ने चार वॉकी-टॉकी और एक मोटरसाइकिल बरामद की है, जो यहां से लगभग 56 किलोमीटर दूर है।
प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने पहले ही मंगलवार को चेतावनी दी थी कि विस्फोटकों से लैस कई संदिग्ध अभी भी फरार हैं।
श्रीलंका सरकार के एक शीर्ष अधिकारी द्वारा मंगलवार को यह दावा करने के बाद कि मार्च में न्यूजीलैंड की मस्जिद पर हुए हमले की जवाबी कार्रवाई में इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा चचरें, होटलों और अन्य स्थलों पर बम विस्फोट किए गए, बुधवार को न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने कहा कि वह इस तरह की किसी भी सूचना से अनजान है, जिसमें कहा गया है कि श्रीलंका में आंतकी हमले क्राइस्टचर्च मस्जिद की गोलीबारी का प्रतिशोध हैं।
इस्लामिक स्टेट समूह ने मंगलवार को श्रीलंका हमलों की जिम्मेदारी ली और उन तस्वीरों को जारी किया, जिन्हें तथाकथित हमलावरों को दिखाने के लिए बनाया गया था। विक्रमसिंघे ने कहा कि जांचकर्ता अभी भी हमलावरों के विदेश से जुड़े तार का पता लगा रहे हैं।
श्रीलंका के रक्षामंत्री रुवन विजयवर्धने ने बुधवार को कहा कि हमले के पीछे एक स्थानीय चरमपंथी समूह के नेता का भी हाथ है।
मंत्री ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया कि हमले में शामिल नौ में से आठ की पहचान कर ली गई है, और उनमें से एक महिला है।
श्रीलंका में अमेरिकी राजदूत ने भी सीएनएन को पुष्टि की कि अमेरिका को हमले के बारे में पहले से नहीं पता था और उसने कोई चेतावनी जारी नहीं की थी। जो श्रीलंका सरकार के बयान के उलट है। श्रीलंका के मंत्री हर्षा डी सिल्वा ने सोमवार को सीएनएन को बताया था कि 'भारत और अमेरिका दोनों' द्वारा पहले ही खुफिया जानकारी दे दी गई थी।
राजदूत ने कहा, "हमें इन हमलों के बारे में पहले से नहीं पता था।" श्रीलंका सरकार ने खुफिया जानकारी जुटाने और सूचना साझा करने में खामियों को स्वीकार किया है।
रायटर्स ने अपनी रपट में कहा कि श्रीलंका के रक्षामंत्री के अनुसार, श्रीलंका के आत्मघाती हमलावरों में से अधिकांश 'अच्छी तरह से शिक्षित' थे और माना जा रहा है कि उनमें से एक ने ब्रिटेन में पढ़ाई की थी।
विजयवर्धने ने कहा कि बुधवार को श्रीलंका पुलिस ने कोलंबो में सवॉय सिनेमा के पास नियंत्रित विस्फोट किया।
पुलिस अभी भी संदिग्ध लोगों की तलाशी कर रही है। देश के विदेश मंत्रालय ने कहा कि 10 भारतीयों सहित कम से कम 34 विदेशी नागरिक मारे गए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने भी पुष्टि की है कि मृतकों में अबतक 45 बच्चों की पहचान की गई है।
पुलिस प्रवक्ता रुवन गुणसेकरा ने भी बुधवार सुबह कहा कि 18 संदिग्धों को रात भर में गिरफ्तार किया गया, और अबतक कुल 58 को हिरासत में लिया गया है।
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