लखनऊ, 27 दिसंबर (आई एनएस)। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में उत्तर प्रदेश के करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान आगजनी, तोड़फोड़ कर सार्वजनिक व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था।
सरकार के निर्देश पर नौ जनपदों के डीएम ने क्षतिपूर्ति के लिए 498 लोगों को चिन्हित किया है। हिंसा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि जिन लोगों ने सार्वजनिक व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है, उनकी संपत्ति जब्त कर इस नुकसान की भरपाई की जाएगी।
सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार, लखनऊ में 82, मेरठ में 148, संभल में 26, रामपुर में 79, फिरोजाबाद में 13, कानपुर नगर में 50, मुजफ्फरनगर में 73, मऊ में 08, बुलंदशहर में 19 लोगों को रिकवरी के लिए चिन्हित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में लखनऊ के तीन थाना इलाकों में प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान दो पुलिस चौकियों समेत कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था। हजरतगंज कोतवाली के परिवर्तन चौक पर सबसे अधिक सार्वजनिक व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था। अपर जिलाधिकारी (नगर पूर्वी) द्वारा यहां अनुमानित धनराशि 2 करोड़ 54 लाख रुपये की वसूली के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
लखनऊ में जिन्हें नोटिस जारी किया गया है, उसमें रिटायर्ड आईपीएस एस.आर. दारापुरी, कांग्रेस नेता सदफ जफर और रिहाई मंच के मोहम्मद शोएब शामिल हैं।
लखनऊ के जिलाधिकारी (डीएम) अभिषेक प्रकाश ने बताया कि अनुमान करोड़ों में है और अभी आंकलन किया जा रहा है कि आखिर कुल कितना नुकसान हुआ है? हर सेक्टर में नुकसान का आंकलन करके हिंसा करने वालों पर जुर्माने की राशि तय की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा कि "हम किसी निर्दोष को नहीं छू रहे हैं, लेकिन हिंसा में शामिल किसी भी शख्स को नहीं छोड़ा जाएगा। यही कारण है कि हमने कई संगठनों के सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया है, चाहे वह पीएफआई हो या अन्य कोई राजनीतिक दल।" डीजीपी ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में है।
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