(आईएएनएस)। श्रीलंका (SriLanka) में अधिकांश राजनीतिक दलों ने देश को अराजकता की ओर ले जाने के लिए प्रधानमंत्री और कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की धमकी दी है।
विपक्षी दलों ने स्पीकर से कहा है कि रानिल विक्रमसिंघे को इस्तीफा दे देना चाहिए और आग्रह किया है कि संसद का सत्र तुरंत बुलाया जाना चाहिए।
विक्रमसिंघे को हटाने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय पर कब्जा कर लिया। उन्हें हटाने के लिए पुलिस और सेना ने भारी बल प्रयोग किया। पानी की बौछारें की गईं और आंसूगैस के गोले छोड़े गए और अंत में हवा में गोली चलाई गईं। करीब 40 प्रदर्शनकारियों को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इसके बाद प्रदर्शनकारी स्पीकर के आधिकारिक आवास और संसद तक चले गए, जहां उन्हें भारी बल के साथ खदेड़ दिया गया, जिसमें दो सैनिक और एक पुलिसकर्मी सहित 42 लोग घायल हो गए। बुधवार के हिंसक विरोध प्रदर्शन में 26 वर्षीय एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, शैवेंद्र डी सिल्वा ने लोगों से शांत रहने और 20 जुलाई को संसद से अगला राष्ट्रपति चुने जाने तक सुरक्षा बलों की सहायता करने का आग्रह किया।
विक्रमसिंघे ने बुधवार को पश्चिमी प्रांत में आपातकालीन नियमन और कर्फ्यू लगा दिया। बाद में पूरे द्वीप पर कर्फ्यू लगा दिया गया और गुरुवार सुबह 5 बजे इसे हटा लिया गया।
कार्यवाहक राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने राजनीतिक दलों से सरकार और विपक्ष दोनों को स्वीकार्य प्रधानमंत्री नियुक्त करने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे चारों ओर बड़े पैमाने पर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच देश छोड़कर भाग गए, मगर अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया, जैसा कि उन्होंने 9 जुलाई को वादा किया गया था। इस बीच प्रदर्शनकारियों ने उनके आधिकारिक आवास और राष्ट्रपति कार्यालय पर कब्जा कर लिया। स्पीकर ने कहा कि उन्हें राष्ट्रपति की ओर से कोई सूचना नहीं मिली।
बुधवार तड़के मालदीव के लिए श्रीलंका वायुसेना से संबंधित एक यात्री विमान में देश से भागे राजपक्षे के बारे में कहा जाता है कि वे सिंगापुर जाने और फिर मध्य पूर्व में एक सुरक्षित स्थान पर जाने की योजना बना रहे थे। उन्होंने कहा है कि उनके गंतव्य पर पहुंच जाने के बाद उनके इस्तीफे की घोषणा की जाएगी।
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