असम में सोनितपुर जिला प्रशासन ने उत्तम तांती नाम के एक 11 साल के बच्चे को उसकी बहादुरी के लिए सम्मानित किया है. उत्तम ने 5 दिन पहले एक महिला और उसकी बेटी को बाढ़ के पानी में डूबने से बचाया था. डिप्टी कमिश्नर नरसिंह पवार ने उत्तम को सम्मानित करते हुए उसे 5000 रुपये की आर्थिक सहायता और एक साइकिल दी है. दरअसल उत्तम अब तक हर दिन करीब 1 घंटा पैदल चलकर स्कूल जाता था.
इस मामले पर संबंधित अधिकारियों ने बताया, 7 जुलाई को अंजली तांती नाम की एक महिला अपनी दो बच्चियों के साथ बाढ़ के पानी से उफनती नदी में फंस गई थी. इस दौरान उत्तम ने अंजली और उनकी 3 साल की बेटी रिया की जान बचाई. हालांकि दूसरी बच्ची बाढ़ के पानी में बह गई.
प्रशासन की तरफ से सम्मानित होने के बाद उत्तम ने कहा कि उसे इस बात का दुख है कि वह दूसरी बच्ची को नहीं बचा पाया. उत्तम के पिता एक मजदूर और किसान हैं. उसकी इच्छा है कि वह बढ़ा होकर सेना में शामिल हो.
डिप्टी कमिश्नर पवार ने उत्तम के बारे में कहा, ''हमें उस पर काफी गर्व है. उसने नाजुक परिस्थिति में अदम्य साहस दिखाया और अपनी जान को खतरे में डालकर 2 लोगों की जान बचाई. वह दूसरों के लिए एक उदाहरण है.'' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रशासन उत्तम का नाम राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार के लिए सुझाएगा. पवार ने कहा कि प्रशासन यह भी सुनिश्चित करेगा कि उत्तम के परिवार को सभी सरकारी योजनाओं के फायदे मिलें.
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने भी हाल ही में उत्तम की तारीफ की थी. उन्होंने 10 जुलाई को ट्वीट कर कहा-
‘’सोनितपुर के 11 वर्षीय उत्तम तांती ने बहादुरी का जो काम किया है, उसे बयां करने के लिए पर्याप्त शब्द नहीं हैं. उसने नदी में गिरी एक महिला और उसकी बच्ची की जान बचाई. उसकी बहादुरी को सलाम.’’सर्वानंद सोनोवाल, मुख्यमंत्री, असम
बता दें कि असम इस वक्त भयंकर बाढ़ से प्रभावित है. इस बाढ़ के दायरे में असम के 17 जिले आ चुके हैं, जिससे 4.23 लाख लोग प्रभावित हैं. बाढ़ की वजह से अब तक वहां 3 लोगों की जान जा चुकी है.
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