पूर्वोत्तर के दो राज्यों, असम और मिजोरम (Assam-Mizoram Border Dispute) के पुलिस बलों के बीच हिंसक झड़प के कुछ दिनों बाद असम के कछार जिला प्रशासन ने मिजोरम से सटे सोनाइ राजस्व क्षेत्र के सीमावर्ती क्षेत्र को ड्रोन के लिए उड़ान रहित घोषित कर दिया.
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक जिला प्रशासन ने मिजोरम और बांग्लादेश की सीमा से लगे क्षेत्रों में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 भी लागू किया है, जिसमें चार से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक है.
कछार के डिप्टी कमिश्नर कीर्ति जल्ली द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, जिले के सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा खतरे में है, क्योंकि हाल ही में मिजोरम की सीमा से कुछ ड्रोन को पार करते देखा गया था.
आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि यह चिंता का विषय है, क्योंकि सीमावर्ती इलाकों में असामाजिक तत्व इन ड्रोन का इस्तेमाल कर असम में आम लोगों पर हमले की योजना बना सकते हैं.
“हमने सोनाई रेवेन्यू सर्कल के तहत आने वाले सभी क्षेत्रों और मिजोरम राज्य की सीमा से लगे इलाकों को नो ड्रोन जोन घोषित कर दिया है, जहां ड्रोन और किसी भी अन्य अज्ञात हवाई वाहनों को उड़ाना सख्त वर्जित होगा. वर्तमान स्थिति को देखते हुए निर्णय लिया गया है.”कछार की उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने कहा
26 जुलाई को असम और मिजोरम पुलिस के बीच फायरिंग के बाद से दोनों राज्यों के सीमावर्ती इलाकों में तनाव कि स्तिथि बनी हुई है. कई राजनीतिक प्रतिनिधिमंडलों को लैलापुर इलाके में जाने से रोक दिया गया है, जहां गोलीबारी में असम के छह पुलिसकर्मी मारे गए थे. गुवाहाटी से आल असम स्टूडेंट्स यूनियन के एक प्रतिनिधिमंडल को सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए सोमवार को सीमा से करीब 10 किलोमीटर दूर धोलाई थाने में रोका गया.
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