26 जुलाई को असम-मिजोरम सीमा पर हुई हिंसा के मामले में दोनों राज्य खुलकर एक-दूसरे के सामने आ गए हैं. मिजोरम में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) और 6 अन्य लोगों पर वैरेंगटे पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है.
उनके खिलाफ IPC की धारा 307 (हत्या का प्रयास) और 120B (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत केस दर्ज हुआ है. इसके अलावा असम पुलिस के 200 अज्ञात जवानों को भी आरोपी बनाया गया है.
वहीं असम पुलिस ने मिजोरम (Mizoram) के एकमात्र राज्यसभा सांसद के. वनलालवेना को भड़काऊ भाषण देने के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है. इस संबंध में पुलिस ने वनलालवेना के दिल्ली स्थित आवास पर एक नोटिस भी चिपकाया है, जिसमें उन्हें 1 अगस्त को हाजिर होने के लिए कहा गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, दिल्ली में आई असम पुलिस सीआईडी की एक टीम वनलालवेना को ढूंढने उनके आवास और मिजोरम सदन गई, लेकिन वहां वह नहीं मिले. बताया जा रहा है कि वनलालवेना CID टीम से बच रहे हैं.
इससे पहले मिजोरम के रेजिडेंट कमिश्नर ने असम पुलिस की जांच में शामिल होने के लिए वनलालवेना को दिए गए किसी भी नोटिस को लेने से इनकार कर दिया था, इसलिए सीआईडी टीम ने उनके आवास पर नोटिस चिपकाया है.
असम पुलिस के नोटिस में कहा गया है, 'पता चला है कि आपने घटना के संबंध में मीडिया में सिविल और पुलिस अधिकारियों को निशाना बनाते हुए धमकी भरा बयान दिया है, जो जांच का विषय है. इसलिए तथ्यों और परिस्थितियों का पता लगाने के लिए आप से पूछताछ की जानी है.'
26 जुलाई को दोनों राज्यों के विवादित सीमा क्षेत्र पर भड़की हिंसा में छह पुलिसकर्मियों समेत एक आम नागरिक ने अपनी जान गंवा दी थी. इसके अलावा 45 लोग घायल हो गए थे.
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