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भैय्यू महाराज आत्महत्या केस: शिष्या पलक समेत 3 लोगों को 6 साल की सजा

महाराज के घर से बरामद एक सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा था कि अत्यधिक तनाव के कारण वो अपना जीवन समाप्त कर रहे हैं.

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राज्य
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मध्यप्रदेश के इंदौर (Indore) की जिला कोर्ट ने साढ़े तीन साल बाद भैय्यू महाराज (Bhaiyyu Maharaj) आत्महत्या केस में अपने फैसले में तीन लोगों की दोषी पाया है. कोर्ट ने मुख्य सेवादार विनायक, ड्राइवर शरद और शिष्या पलक को दोषी ठहराते हुए 6 साल की सजा सुनाई है.

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इन्हीं तीनों ने भैय्यू महाराज को आर्थिक और मानसिक रूप से इतना प्रताड़ित किया कि उन्होंने आत्महत्या कर ली. 12 जून 2018 को 50 साल के भय्यू महाराज की अपने बंगले में आत्महत्या की थी जहां से उनका लाइसेंसी रिवॉल्वर बरामद किया गया था.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र सोनी ने पलक पुराणिक, विनायक दुधाडे और शरद देशमुख को आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 384 (जबरन वसूली) के तहत दोषी ठहराया है.

भैय्यू महाराज की मौत के सात महीने बाद ही पलक पुराणिक, विनायक और शरद देशमुख को गिरफ्तार किया गया था. पीटीआई के मुताबिक, पुलिस ने आरोप लगाया कि पलक शादीशुदा महाराज को कुछ विवादित चैट का इस्तेमाल करके उनसे शादी करने के लिए ब्लैकमेल की कोशिश करती थी.

महाराज के घर से बरामद एक सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा था कि अत्यधिक तनाव के कारण वो अपना जीवन समाप्त कर रहे हैं. पुलिस ने यह भी दावा किया था कि तीनों उसे अधिक मात्रा में नींद की गोलियां भी देते थे.

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