कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) की नातिन की बॉडी शुक्रवार, 28 जनवरी को बेंगलुरु के वसंत नगर में उनके निजी अपार्टमेंट के अंदर लटकी हुई मिली. इस संबंध में बेंगलुरु के हाई ग्राउंड पुलिस स्टेशन ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. रिपोर्ट्स में येदियुरप्पा के ऑफिस के हवाले से बताया कि बॉरिंग एंड लेडी कर्जन हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम चल रहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मृतक 30 वर्षीय सौंदर्या नीरज एक डॉक्टर थीं तथा उनके पति डॉ नीरज एमएस रमैया हॉस्पिटल में कार्यरत हैं. सौंदर्या नीरज येदियुरप्पा की बेटी पद्मा की बेटी हैं.
पुलिस के अनुसार प्रथम दृष्टया सबूतों से लगता है कि नीरज की मौत आत्महत्या का मामला है. पुलिस ने बताया है कि उनके पति ने ही उन्हें सबसे पहले फांसी पर लटका पाया. कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने एक बयान में कहा कि “परिवार के अनुसार वह प्रसव के बाद के डिप्रेशन से पीड़ित थीं". येदियुरप्पा कार्यालय ने भी क्विंट से इस बात की पुष्टि की है.
कुछ ही दिन पहले नाना येदियुरप्पा से मिली थी मृतक
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के एक करीबी सहयोगी ने द क्विंट को बताया है कि “वह हाल ही में दो दिन पहले येदियुरप्पा से मिली थीं. जो कुछ हुआ उससे बीएस येदियुरप्पा भी सदमे में हैं ”
पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मामले पर अभी तक औपचारिक बयान जारी नहीं किया है.
आज क्या हुआ था ?
पुलिस ने क्विंट को बताया कि मृतका सौंदर्या नीरज के पति, जो रेडियोलॉजिस्ट हैं, सुबह 8.30 बजे घर से निकल गए थे. इसके बाद सुबह साढ़े नौ बजे नौकरानी ने उस बेडरूम का दरवाजा खटखटाया खटखटाया सौंदर्या थीं. जबकि उनकी 9 महीने की बच्ची नानी के साथ दूसरे कमरे में थी.
नौकरानी और नानी ने सोचा कि सौंदर्या सो रही होगी. इसके बाद फिर सुबह 9.45 बजे दरवाजा दरवाजा खटखटाया गया. कोई जवाब नहीं मिलने पर बाद में उन्होंने खिड़की से झांका तो पाया कि उसकी बॉडी पंखे से लटकी हुई थी.
सुबह 10.30 बजे पति को इसकी सूचना दी गई. वह घर पहुंचे, बॉडी को नीचे उतारा और नजदीकी हॉस्पिटल ले गए. बाद में उन्हें बॉरिंग एंड लेडी कर्जन हॉस्पिटल में ले जाया गया. डॉक्टरों ने दोपहर 12 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया.
(यदि आपके मन में आत्महत्या के विचार आत हैं या आप किसी को ऐसे संकट में जानते हैं, तो कृपया उन तक पहुंचें और स्थानीय आपातकालीन सेवाओं, हेल्पलाइन और मेंटल हेल्थ NGOs के इन नंबरों पर कॉल करें)
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