बुलंदशहर में पिछले साल हुई हिंसा के दौरान मारे गए सुमित के परिजनों ने गांव में उसकी मूर्ति लगाई है. इस मूर्ति के पास 'गोरक्षक वीर शहीद' लिखा गया है.
सुमित की मूर्ति को उसके पिता अमरजीत सिंह ने बनवाया है. अमरजीत सिंह ने घटना की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की है.
अमरजीत सिंह ने कहा है, "मेरे बेटे की हत्या से लेकर उसके दाह संस्कार तक हर स्तर पर पुलिस के कामों का खुलासा होना चाहिए और इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए."
इसके अलावा उन्होंने आगे कहा, " इंस्पेक्टर सुबोध सिंह ने मेरे बेटे पर गोली चलाई थी, लेकिन इंस्पेक्टर द्वारा मेरे बेटे को गोली मारने वाले वीडियो को छोड़कर सभी वीडियो वायरल हो गए थे."
अमरजीत सिंह ने कहा,
“पुलिस इंस्पेक्टर के परिवार को सभी लाभ मिले हैं लेकिन हमसे सिर्फ वादे किए गए. अगर मेरी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं, तो मैं अपने बेटे की हत्या की पहली बरसी पर इस्लाम धर्म अपनाऊंगा और फिर अपना जीवन समाप्त करूंगा.”अमरजीत सिंह, मृतक सुमित के पिता
सुमित की मौत 3 दिसंबर 2018 को हुई थी. न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, हिंसा मामले की शुरुआती प्राथमिकी में सुमित का नाम भी पुलिस ने दर्ज किया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुमित के परिवार को मुआवजा के तौर पर 10 लाख रुपये की धन राशि प्रदान की थी. इस हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह भी शहीद हो गए थे.
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